भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कुछ शर्तों के साथ 12 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
यह जायडस कैडिला द्वारा तैयार बिना सुई वाले कोविड-19 रोधी टीके जायकोव-डी के बाद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों-किशोरों के बीच उपयोग के लिए नियामक की अनुमति प्राप्त करने वाला दूसरा टीका है. हालांकि, सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ बच्चों के टीकाकरण करने पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
केंद्र ने हाल में संसद को सूचित किया था कि कोविड-19 के लिए टीका देने के संबंध में राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह 12-17 आयु वर्ग के किशोरों के टीकाकरण से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं.
केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 11 अक्टूबर को भारत बायोटेक के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन पर विचार करने के बाद कुछ शर्तों के साथ 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों-किशोरों के लिए कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी.
एक सूत्र ने बताया, ‘एसईसी की सिफारिशों का मूल्यांकन एक अन्य विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया था, जिसके बाद डीसीजीआई ने टीका निर्माता कंपनी से अतिरिक्त डेटा मांगा था.’ एक अधिकारी ने बताया कि डीसीजीआई ने शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी.
डीसीजीआई ने मंजूरी आदेश में कहा गया कि एसईसी विशेषज्ञों की सिफारिश और मुहैया कराए गए अतिरिक्त सुरक्षा डेटा के आधार पर 12 साल से 18 साल के किशोरों के लिए टीके की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं है.
हैदराबाद की टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच कोवैक्सीन टीके के इस्तेमाल के लिए दूसरे-तीसरे चरण के परीक्षणों को पूरा किया. इसके बाद कंपनी ने सीडीएससीओ को सत्यापन और आपातकालीन उपयोग मंजूरी के लिए अक्टूबर की शुरुआत में डेटा जमा किया था.
घटनाक्रम पर भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, ‘कोवैक्सीन को इस तरह तैयार किया गया है ताकि वयस्कों और बच्चों को समान खुराक दी जा सके. कोवैक्सीन ने कोविड-19 के मूल स्वरूप और बाद के स्वरूपों के लिए वयस्कों में सुरक्षा और असर के लिए एक सिद्ध रिकॉर्ड दिखाया है. हमने बच्चों में उत्कृष्ट सुरक्षा और प्रतिरक्षा डेटा का दस्तावेजीकरण किया है. हम कोवैक्सीन के जरिए वयस्कों और बच्चों के लिए समान स्तर की सुरक्षा प्रदान करने को लेकर आशान्वित हैं.’