नीमच के जिला न्यायाधीश हृदयेश श्रीवास्तव ‘सुपर 30’ फिल्म देखने के बाद साथी जजों के साथ आनंद कुमार की राह पर चल पड़े हैं. कोर्ट परिसर में न्यायिक सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है.
नीमच के जिला एवं सत्र न्यायाधीश हृदयेश श्रीवास्तव ने एक महीने पहले सुपर 30 फ़िल्म देखी और इस फ़िल्म के मुख्य किरदार आनंद कुमार से इतने प्रभावित हुए कि उनकी तरह कुछ नया करने की ठान ली. जिला न्यायाधीश हृदयेश ने नीमच कोर्ट में पदस्थ अन्य जजों से चर्चा की और सिविल जज बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को निःशुल्क पढ़ाने का काम शुरू कर दिया. अब जिला जज हृदयेश के नेतृत्व में नीमच कोर्ट के अन्य जजों ने मिलकर उन बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है, जो न्यायिक सेवा की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण बाहर महंगे कोचिंग सेंटर में नहीं जा सकते.

हफ्ते में चार दिन चलती है क्लास
जस्टिस ह्रदयेश इस तरह के 18 बच्चों के लिए नीमच कोर्ट परिसर में ही हफ्ते में चार दिन अपने साथी जजों के साथ मिलकर क्लास चला रहे हैं. इसमें बच्चों की परीक्षा की तैयारी कराने के दौरान सफलता के लिए अपने अनुभव और टिप्स भी उनके साथ शेयर करते हैं. दूसरी तरफ, पढ़ने वाले छात्र भी बहुत खुश हैं कि उन्हें स्वयं जज साहब पढ़ा रहे हैं. इन बच्चों का मानना है कि बड़े कोचिंग में ऐसा अनुभव नहीं मिल सकता जो यहां निशुल्क मिल रहा है. बहरहाल, न्यायिक व्यवस्था में न्यायाधीशों का अपना एक अलग प्रोटोकॉल होता है, लेकिन नीमच के जज न्यायिक सेवा की तैयारी कर रहे बच्चों की जिस तरह से निशुल्क मदद की है यह अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है. शायद यह देश का पहला मामला है जहां कई जज मिलकर नए जज तैयार करने में जुटे हैं.