
मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने आज 17 दिसंबर 2021 को हुई सुनवाई में राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को जमकर फटकार लगाई और पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दिया है। मप्र राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि OBC आरक्षण आधार पर पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएं। वहीं निर्देश को न मानने पर पंचायत चुनाव रद्द भी किए जा सकते हैं। अब अगली सुनवाई 27 जनवरी होगी।सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुसार ग्राम पंचायत और नगर निगम नगर पालिका के चुनाव करने के लिए निर्देश दिए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर चुनाव संविधान के हिसाब से हैं तो चुनाव जारी रखें और संविधान के खिलाफ है तो चुनाव रद्द करें यह निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग स्वयं ले।वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए कि चुनाव संविधान के हिसाब से हो तो ही कराइए..।सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र केस को बेस बनाकर रोक लगाई है और ओबीसी आरक्षण को आधार बनाकर फैसला लिया है।
एमपी कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने ट्वीट कर बताया है कि बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को जीत मिली उन ताकतों को हार का सामना करना पड़ा जो भारतीय संविधान और सनातन धर्म से हटकर अपने बनाए हुए नियम और नीति को मध्य प्रदेश की जनता के ऊपर जबरन लागू करते है।बता दे कि पंचायत चुनाव में रोटेशन के आधार पर आरक्षण न देने के खिलाफ कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर दायर रिट याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी और उसके बाद आज विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।