भोपाल । मध्यप्रदेश के सभी सरकारी बैंक की करीब 7 हजार ब्रांचों में 16 दिसंबर को ताले लग गए। लगभग 40 हजार बैंककर्मियों के 2 दिन की हड़ताल पर जाने से यह हालात बने। भोपाल के करीब 5 हजार बैंककर्मी इस हड़ताल में शामिल हैं। बैंकों के निजीकरण को लेकर किए जा रहे प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। शनिवार को बैंक जरूर खुलेंगे, लेकिन रविवार को छुट्टी होने से फिर बंद हो जाएंगे। ऐसे में 20 दिसंबर को ही बैंकों में बेहतर कामकाम होगा।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर यह देशव्यापी हड़ताल हो रही। यूनियंस के को-ऑर्डिनेटर वीके शर्मा और संयोजक संजीव सबलोक ने बताया, देशव्यापी हड़ताल में मध्यप्रदेश के सभी बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी हिस्सा ले रहे। राजधानी भोपाल में 300 ब्रांच में भी ताले लटके हैं। सुबह बैंककर्मी यूको बैंक जोनल ऑफिस अरेरा हिल्स के सामने एकत्रित हुए। जहां पर प्रदर्शन और सभा हुई। इसमें बैंककर्मियों ने निजीकरण के विरोध में नारेबाजी भी की। करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन चला। इधर, बैंक बंद होने से किसी प्रकार का काम नहीं हुआ।
इसलिए हड़ताल
यूनियंस के को-ऑर्डिनेटर शर्मा ने बताया कि सरकार बैंकों के निजीकरण को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। इसका देशभर में विरोध किया जा रहा है। इसलिए 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल करके सरकार को चेताया जा रहा है। यदि सरकार ऐसे प्रयास नहीं रोकती है तो आगे भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। बैंक हड़ताल के चलते लोगों ने 15 दिसंबर को ही अपने जरूरी काम निपटा लिए थे। दूसरी ओर एटीएम में भी बैंकों द्वारा पर्याप्त राशि रखी गई। ऐसे में हड़ताल के पहले दिन एटीएम में रुपए खत्म होने की गुंजाईश नहीं है, लेकिन दूसरे दिन जरूर कुछ दिक्कतें खड़ी हो सकती है। 2 दिन की हड़ताल के बाद बैंक शनिवार को खुलेंगे। ऐसे में 16 से 19 दिसंबर के बीच सिर्फ 1 दिन ही मिलेगा, जब लोग अपने बैंक से जुड़े जरूरी काम कर सकेंगे।
इंश्योरेंस एसोसिएशन का समर्थन
बैंककर्मियों की हड़ताल को ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लाइज एसोसिशन (एआईआईईए) ने समर्थन दिया है। भोजन अवकाश के दौरान इंश्योरेंस कर्मचारी भी एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे। भोपाल मंडल के अंतर्गत भोपाल शहर के मध्य क्षेत्रीय एवं सभी 9 कार्यालय समेत सीहोर, रायसेन, विदिशा, गंजबसौदा, होशंगाबाद, इटारसी, हरदा, पिपरिया, बरेली, ब्यावरा, शाजापुर, शुजालपुर, बैतूल, पाथाखेड़ा आदि कार्यालय में कर्मचारी भोजन अवकाश में प्रदर्शन कर बैंक कर्मचारी और अधिकारियों के साथ एकजुट होंगे।
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