आदिवासी कन्या छात्रावास, देख आप चौकने पर हो जाएंगे मजबूर

डिंडोरी:  मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में एक सरकारी छात्रावास ऐसा भी है जिसकी सुविधाएं और खूबसूरती देख आप चौकने पर मजबूर हो जायेंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय स्थित शासकीय आदिवासी कन्या छात्रावास की, जहां पढाई के साथ साथ गरीब आदिवासी छात्रों को खेल एवं आत्मनिर्भरता के गुर भी सिखाये जा रहे हैं।

इस सरकारी छात्रावास में गार्डन,कबड्डी के लिये टर्फ,आर.ओ.वाटर सिस्टम,वाश बेसिन,लक्जरी डायनिंग हाल,लाइब्रेरी,कंप्यूटर क्लॉस,स्टडी रूम,बैडरूम से लेकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध है। साथ ही खेल में रूचि लेने वाली छात्राओं के लिये ट्रेनर एवं विषय विशेषज्ञों के जरिये छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग दिलाई जाती है। स्थानीय विधायक व मध्यप्रदेश सरकार में आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम भी इस छात्रावास के कायल हैं और वो इस छात्रावास को प्रदेश का मॉडल बनाने की बात करते हैं। 

सरकारी छात्रावास का नाम सुनकर जेहन में बदइंतज़ामी और लापरवाही की तस्वीर नजर आने लगती है लेकिन डिंडौरी का आदिवासी कन्या छात्रावास बड़े से बड़े प्राईवेट हॉस्टलों की सुविधाओं को मात दे रहा है। 50 सीटर की क्षमता वाले इस सरकारी छात्रावास के चारों तरफ लगा हरा भरा गार्डन और साफ़ सुथरा परिसर अनुशासन का संदेश देता है तो वहीं डायनिंग हाल व खेलने के लिये बिछा टर्फ किसी थ्री स्टार होटल की फीलिंग देता है। स्टडी रूम,कंप्यूटर क्लासरूम,लाइब्रेरी व बैडरूम इस हॉस्टल की ख़ूबसूरती पर चार चांद लगाता है। 

इस छात्रावास में रहकर पढ़ने वाली सभी छात्राएं आदिवासी गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं जिनके माता पिता किसान हैं या फिर मजदूरी कर अपना जीवनयापन करते हैं। तत्कालीन कलेक्टर छवि भारद्धाज ने इस छात्रावास को गोद लिया था और उनके ही प्रयासों से अब इस छात्रावास ने अपनी अलग पहचान बनाई है। गरीब घरों से आकर पढ़ाई करने आने वाली छात्राओं का कहना है कि इस छात्रावास में उन्हें पढाई के लिये बेहतर माहौल और संसाधन मिलते है। छात्राएं पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी करना चाहती हैं तो कुछ छात्राएं खेल की दुनिया में अपना नाम रोशन करना चाहती हैं। छात्रावास वार्डन का कहना है कि छात्राओं को पढाई और खेल के साथ आजीविका के गुर भी सिखाये जा रहे हैं ताकि आगे चलकर छात्राएं आत्मनिर्भर बन सकें। वार्डन ने छात्रावास की व्यवस्था को दुरुस्त करने तत्कालीन कलेक्टर छवि भारद्धाज एवं कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम को श्रेय दिया है।  कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम भी इस छात्रावास की तारीफ़ करते नहीं थकते हैं और प्रदेश के सभी सरकारी छात्रावासों में ऐसे ही व्यवस्था लागू कराने का भरोसा जता रहे हैं। 

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