भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने मां-बाप की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए अजीब बयान दे दिया है. मानव अधिकार आयोग के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सिकलसेल बीमारी से पीड़ित दंपति बच्चे पैदा न करें. उन्होंने अबॉर्शन को इस बीमारी का इलाज बताया है.
राज्यपाल मंगू भाई पटेल का विवादित बयान
कार्यक्रम में मंच से पोषण को लेकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा किजो लड़का-लड़की (दोनों) सिकलसेल बीमारी से पीड़ित है, वे आपस में शादी न करें. अगर वे शादी करते हैं, तो उनकी संतान को भी यह बीमारी होगी. ऐसे में उन बच्चों का जीवन भी अल्प ही रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर गर्भ में बच्चा है, और आप सिकलसेल से ग्रस्त हैं, तो उसका इलाज यही है कि अबॉर्शन करा लें. बच्चे को जन्म ही न दें.
सिकलसेल है तो शादी मत करना
राज्यपाल ने कहा कि सिकलसेल बहुत खतरनाक है. हम कॉलेज में जाकर युवाओं को समझाते हैं कि कितनी भी अच्छी लड़की हो, कितना भी पैसे वाला लड़का हो, अगर दोनों को सिकलसेल हैं तो आपस में शादी मत करना. गुजरात में हम ट्राइबल में बोलते थे, किसी के पास सिकलसेल वाला यलो कार्ड है तो उससे शादी मत करना. दोनों यलो कार्ड वालों की शादी होगी तो उनका बच्चा सिकलसेल वाला ही होगा. उन्होंने कहा कि मैंने बीमार बच्चों को प्रत्यक्ष रूप से देखा है. मेरे करीबी के दो बच्चे तीन दिन के बुखार में चले गए.
सिकलसेल प्रभावित प्रदेश के 22 जिले
आलीराजपुर, अनूपपुर, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, धार, डिंडोरी, होशंगाबाद, जबलपुर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मंडला, रतलाम, सिवनी, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली और उमरिया.
क्या होता है सिकलसेल (what is sickle cell)
सिकलसेल एक जेनेटिक बीमारी है. इसमें शरीर में पाई जाने वाली लाल रक्त कणिकाएं गोलाकार होती हैं, लेकिन बाद में वह हंसिए की तरह बन जाती हैं और धमनियों में अवरोध उत्पन्न करती हैं. इससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी होने लगती है. रोगी के शरीर में रेड ब्लड सेल बनने बंद हो जाते हैं. शरीर में खून की कमी आ जाती है. सिकलसेल का पूर्ण रूप से उपचार संभव नहीं है, मगर दवा के सेवन व खानपान में सावधानी बरतकर इस बीमारी के साथ भी रोगी जी सकता है. स्वस्थ व्यक्ति से इनकी आयु कम ही होती है. इसकी जागरूकता को लेकर हर साल 19 जून को विश्व सिकलसेल दिवस मनाया जाता है.