प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय बैठक के लिए व्हाइट हाउस पहुंच चुके हैं। यहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। इससे पहले व्हाइट हाउस के बाहर पीएम मोदी क स्वागत के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस बैठक में दोनों शीर्ष नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें जलवायु परिवर्तन, इंडो-पैसेफिक रीजन, जलवायु परिवर्तन अहम होंगे। इसके अलावा अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी बात हो सकती है। इसके संकेत बाइडेन पहले ही दे चुके हैं।
दोनों नेताओं की पहले भी मुलाकात हुई है लेकिन उस समय बाइडन देश के उपराष्ट्रपति थे और जनवरी में अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है जब बाइडन और मोदी की मुलाकात होगी। बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद, दोनों नेताओं की कई बार फोन पर बातचीत हुयी है और उन्होंने कुछ डिजिटल शिखर सम्मेलनों में भी भाग लिया है। इनमें मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा आयोजित क्वाड बैठक भी शामिल है।
जलवायु परिवर्तन के संबंध में उनकी प्रतिक्रिया सहित कई प्राथमिकता वाले मुद्दों को शामिल करेंगे… हम प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दों, आर्थिक सहयोग और व्यापार के साथ ही अफगानिस्तान के बारे में भी बातचीत करेंगे।” अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से भारत कहता रहा है कि उसका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि युद्धग्रस्त देश की धरती का इस्तेमाल उसके खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाए। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर अधिकारी ने बताया कि बातचीत के मुद्दों में सहयोग के नए क्षेत्रों के बारे में चर्चा भी शामिल है।
गुरुवार को उपराष्ट्रपति हैरिस से मिले पीएम मोदी
वहीं, गुरुवार को पीएम मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ बैठक की। इस दौरान कमला हैरिस ने दुनिया भर में लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए भारत और अमेरिका में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और संस्थानों को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहली बैठक में बृहस्पतिवार को दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत करने का निर्णय किया और साझा हित वाले वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जिसमें अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दे भी शामिल थे। हैरिस ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करना दोनों देशों का दायित्व है और यह दोनों देशों के लोगों के सर्वोत्तम हित में है।
हैरिस ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘‘चूंकि दुनिया भर के लोकतंत्र खतरे में हैं ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने-अपने देशों और दुनिया भर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संस्थानों की रक्षा करें और अपने-अपने देश में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए निश्चित ही प्रयास करें। जाहिर तौर पर लोकतंत्र की रक्षा करना हमारे देशों के नागरिकों के सर्वोत्तम हित में है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत अनुभव और अपने परिवार के माध्यम से लोकतंत्र के प्रति भारतीयों की प्रतिबद्धता के बारे में जानती हूं। प्रधानमंत्री जी मेरी और आपकी पिछली बातचीत के दौरान हमने इस बारे में बात की थी कि हमारी दुनिया कैसे आपस में जुड़ी हुई है…। हमने कोविड-19, जलवायु संकट और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में अपनी साझा मान्यताओं के महत्व समेत दुनिया के सामने मौजूदा चुनौतियों पर भी बात की थी।”