
भोपाल ।
करीब डेढ़ साल बाद प्रदेश के स्कूलों में बुधवार से छठी से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू हो गई हैं। इसके लिए सरकारी से लेकर निजी स्कूलों में तैयारियां पूरी कर ली गई थीं, लेकिन कुछ सीबीएसई स्कूल अभी अभिभावकों की सहमति का इंतजार कर रहे हैं। इस कारण वे अभी ऑनलाइन कक्षाएं ही चलाएंगे। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सूची तैयार कर कमरों की सफाई कर ली गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने 50 फीसद उपस्थिति के साथ विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार बच्चों को बुलाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अभिभावकों की सहमति अनिवार्य होगी।
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने जिले के सभी शिक्षकों को कोरोना टीका के दोनों डोज लगवाने के निर्देश दिए हैं। अगर किसी शिक्षक ने एक भी डोज नहीं लिया है, तो कलेक्टर के निर्देशानुसार उन्हें अवैतनिक अवकाश दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि भोपाल जिले में सरकारी व निजी स्कूलों मिलाकर 15 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 95 फीसद से अधिक शिक्षकों का टीकाकरण की सूची मिल गई है। 30 अगस्त को कैंप के माध्यम से शेष शिक्षकों को भी टीका लगवाने के निर्देश दिए गए थे। बता दें कि अभी तक नौवीं से बारहवीं तक के सरकारी स्कूलों में 15 से 20 फीसद उपस्थिति हो रही है। राजधानी में 1100 माध्यमिक, उच्च व उच्चतर माध्यमिक स्कूल संचालित हैं।
सरकारी स्कूलों में की गई सफाई
शासकीय सरोजनी नायडू स्कूल में कक्षाएं शुरू करने के लिए सात कमरे तैयार किए गए। स्कूल को सैनिटाइज करने के साथ सफाई भी की गई। 260 छात्राएं माध्यमिक की हैं, तो नौवीं से 12वीं तक में 1,114 छात्राएं हैं। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहांगीराबाद में छठवीं से बारहवीं कक्षा के लिए 14 कमरे तैयार किए गए हैं। इनमें माध्यमिक में 350 और उच्चतर माध्यमिक में 650 छात्राएं हैं। 50 फीसद छात्राओं के अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए बातचीत हो गई है। शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सभी 28 कक्षाओं की सफाई हो गई है। छठवीं से बारहवीं तक में 1,137 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जिनके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।
छह सितंबर से बसें चलाई जाएंगी
एसोसिएशन ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स के उपाध्यक्ष विनीराज मोदी ने बताया कि बुधवार से एसोसिएशन से संबद्ध 20 हजार स्कूलों में छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं लगाई जाएंगी। बच्चों को स्कूल आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए छह सितंबर से बस की सुविधाएं भी शुरू हो जाएंगी। हर रोज सभी कक्षाओं को सैनिटाइज किया जाएगा। अभिभावकों के सहमति पत्र से बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा।
इसका करना होगा पालन
- जिन शिक्षकों को एक भी डोज नहीं लगा है, उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
- बच्चे, शिक्षक और स्टाफ सभी के लिए मास्क अनिवार्य होगा।
- बस और स्कूल परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा।
- प्रार्थना सभा नहीं होगी।
- लंच टाइम में बच्चे एक जगह इकठ्ठा नहीं होंगे।
- छुट्टी होने पर बच्चों को शारीरिक दूरी का पालन करना होगा।
- अभिभावकों की सहमति से बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।