जगदलपुर: नक्सल प्रभावित बस्तर की महिलाओं ने रक्षा बंधन के पर्व पर सीआरपीएफ ने जवानों को राखी बांधकर भाई-बहन के त्यौहार को मनाया है. अपने घर से कोसों दूर सीआरपीएफ ने जवानों को जब महिलाएं राखी बांधने के लिए पहुंची तो उनके चेहरे खुशी की लहर दौड़ उठी.
जगदलपुर के नए बस स्टैंड परिसर पर स्थित CRPF की 80वीं बटालियन कैंप में जवानों की कलाइयों पर स्थानीय बहनों ने राखियां बांधी. जिसके बाद जवानों ने बहनों को आश्वस्त किया कि वह उनकी सुरक्षा और खुशियों का ध्यान रखेंगे. जवानों को राखी बांधने पहुंची महिलाओं ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले इन जवानों की कलाईयां सूनी न रहे और उन्हें यह अहसास न हो कि वे यहां अकेले हैं, इसलिए वह उन्हें राखी बांधने पहुंची हैं.
इधर राखी बांधने कैंप पहुंची महिलाओं को देखकर जवानों के भी चेहरे खिल उठे. जवानों ने कहा कि अपने कर्तव्य और छुट्टी नहीं मिलने की वजह से वे कई वर्षों से इस रक्षाबंधन के त्यौहार को मना नहीं पा रहे थे, लेकिन इन महिलाओं ने उनकी बहन बनकर उनके सुने कलाईयों में राखी बांधी है. सीआरपीएफ के जवानों ने कहा कि हमें इस बात पर फक्र है कि हमारा परिवार नजदीक न होते हुए भी यहां हमें राखी बांधने हमारी बहनें आई हैं और उन्हें हमारा ख्याल है. हांलाकि परिवार से कई ज्यादा इस देश की रक्षा का दायित्व महत्वपूर्ण है. आज इन बहनों से राखी बंधाने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि पूरा देश ही हमारा परिवार है.
बस्तर की बहनों से राखी बंधवाने के बाद सीआरपीएफ जवानों ने यह संकल्प लिया कि वे बस्तर में नक्सलवाद को जल्द से जल्द खत्म करेंगे. साथ ही अपनी बहनों के साथ देश की रक्षा के लिए तत्पर खडें रहेंगे. इस अवसर पर सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि ये बहनें हमे यहां राखी बांधने आई हैं. इससे हमें इस बात का एहसास हुआ कि हम यहां अकेले नहीं हैं. भले ही हम अपने परिवार से दूर हैं, लेकिन यहां भी हमारी फिक्र करने वाली बहनें और परिवार मौजुद है.