
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। एक सवाल हर किसी के जेहन में है कि क्या भाजपा को रोकने के लिए तमाम अन्य दल साथ आ जाएंगे या अलग-अलग लड़ेंगे? रविवार को प्रियंका गांधी वाड्रा के सामने यह सवाल रखा गया। इस पर प्रियंका गांधी ने कहा, कांग्रेस क्लोज माइंडेड नहीं है। समय आने पर हालात देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। Priyanka Gandhi Vadra का यह बयान बहुत अहम माना जा रहा है। एक तरह से Priyanka Gandhi Vadra ने यह विकल्प बचाकर रखा है कि वक्त आने पर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ें। हालांकि यह कैसे होगा, यह देखना दिलचस्प रहेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा मिलकर लड़े थे और करारी हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़े थे और दोनों दलों ने कांग्रेस को पूछा तक नहीं था। ऐसे में गठबंधन कैसे अस्तित्व में आएगा, सबसे बड़ा सवाल यही रहेगा।
इस दौरान प्रियंका गांधी से यह पूछा गया कि क्या वे 2022 के चुनावों में मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगी, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, क्या आपको सबकुछ अभी बता दूं। समय आने पर देखेंगे।
ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में मायावती
बहुजन समाज पार्टी ने भी यूपी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। मायावती ने रविवार को ऐलान किया कि बसपा अब प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करेगी। बकौल मायावती, हम ब्राह्मणों को समझाने की कोशिश करेंगे कि उनके हित तथा सम्मान की रक्षा बसपा ही कर सकती है। ब्राह्मणों ने भाजपा और कांग्रेस, दोनों को आजमाकर देख लिया। मायावती ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि अब ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आएंगे। ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करने के लिए 23 जुलाई से अयोध्या से एक अभियान शुरू किया जा रहा है। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा, किसानों की मांगों के संबंध में संसद में केंद्र पर हर तरह का दबाव बनाना जरूरी है। केंद्र सरकार की गलत आर्थिक और अन्य नीतियों की वजह से देश में बढ़ती बेरोज़गारी के बीच महंगाई के आसमान छूने से लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।