चित्रकूट ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के गाजियाबाद में दिए बयान से लग तो रहा था कि संघ मुस्लिमों में पैठ बढ़ाने की कोशिश में है। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में अब उसका निहितार्थ भी समझ में आ रहा है। अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की मुख्य बैठक शुरू होने से पहले कोर ग्रुप सदस्यों की संक्षिप्त बैठकों में हुए विमर्श से भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि संघ मुस्लिमों को राष्ट्रवादी विचारधारा से जोड़ने की पहल करेगा। गुरुवार को कोर ग्रुप की बैठक में योगी सरकार के कामकाज और उसके जनप्रभाव को लेकर भी चर्चा हुई।
प्रांत प्रचारकों की बैठक में आने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गाजियाबाद में कहा था कि पूजन विधि के आधार पर हिंदू और मुसलमानों को अलग नहीं किया जा सकता। सभी भारतीयों का डीएनए एक ही है। उन्होंने भाषा, प्रांत और अन्य विषमताओं को छोड़ एक होकर भारत को विश्वगुरु बनाने की हिमायत भी की थी। प्रचारकों की बैठक शुरू होने से पहले ही समझ में आने लगा है कि संघ ने राष्ट्रवादी सोच के साथ मुस्लिमों को भी जोड़ने का मन बना लिया है।
बैठक से पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ अलग-अलग हुईं संक्षिप्त बैठकों में इस पर विमर्श भी किया गया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हिंदुत्व संग राष्ट्रवादी मुसलमानों को अपनी विचारधारा से जोड़ने की दिशा भी तय की जा सकती है। संघ की सोच में आ रहे बदलाव को बंगाल चुनाव से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। शीर्ष नेतृत्व बंगाल में भाजपा के बढ़े प्रभाव को लेकर तो संतुष्ट है पर मुस्लिमों की राष्ट्रवादी सोच वाले दल से दूरी को लेकर फिक्रमंद भी है।