विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारत-चीन पिछले हफ्ते अपनी वार्ता में कूटनीतिक और सैन्य तंत्र से वार्ता जारी रखने के लिए सहमत हुए ताकि टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए एक परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचा जा सके और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हो सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 22वीं बैठक 25 जून को हुई थी।
उन्होंने आनलाइन ब्रीफिंग में कहा, ‘दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य तंत्र के जरिये वार्ता एवं संवाद जारी रखने को सहमत हुए ताकि टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए एक परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचा जा सके, जिससे शांति एवं स्थिरता पूरी तरह से बहाल हो सके और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हो सके।’ बागची ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच यह भी सहमति बनी कि अंतरिम तौर पर वे जमीन पर स्थिरता सुनश्चित करना जारी रखेंगे और किसी भी अप्रिय घटना को रोकेंगे। भारत और चीन वरिष्ठ कमांडरों की अगले दौर की बैठक शीघ्र करने को भी सहमत हुए। उन्होंने कहा कि इसकी तारीख अभी तय की जानी है।
बता दें कि भारत और चीन ने 25 जून को सीमा विवाद पर एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता की थी। इस दौरान वे पूर्वी लद्दाख के बचे हुए गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यथा शीघ्र अगले दौर की सैन्य वार्ता के लिए सहमत हुए। भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है। वार्ताओं के जरिए इसका हल ढूंढा जा रही है, लेकिन पूर्ण सफलता अभी तक नहीं मिल पाई है।