
कोरोना की तीसरी लहर आने में 6 से 8 महीने लगे सकते हैं। ये दावा है ICMR की एक ताजा स्टडी का, जिसके मुताबिक तीसरी लहर ना सिर्फ देर से आएगी, बल्कि इसकी असर भी पहले जैसा नहीं होगा। COVID वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा (Dr. NK Arora) ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ICMR द्वारा की गई एक स्टडी से कहा पता चला है कि कोविड की तीसरी लहर के आने में देर हो सकती है। यानी हमारे पास करीब 6 से 8 महीने का समय है और इस दौरान हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों टीका लगाना होगा। आनेवाले दिनों में हमारा लक्ष्य रोजाना 1 करोड़ लोगों को टीका लगाने का है।
उधर, देश में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस के मामलों का मिलना भी सरकार की चिंता बढ़ा रहा है। देश में अब तक इस वेरिएंट से संक्रमित 50 से ज्यादा मामलों की पहचान की गई है, जो अलग-अलग राज्यों से मिले हैं। परेशानी की बात ये है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन कितना प्रभावी होगा, इसकी पक्की जानकारी नहीं है और इस पर रिसर्च चल ही रहे हैं।
दूसरी तरफ देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 31.51 करोड़ से ज़्यादा डोज उपलब्ध कराई गई है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अभी वैक्सीन की 1.15 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध है। वहीं पिछले 24 घंटे 64,25,893 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, जिसके बाद देश में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़कर 32,17,60,077 हो गया है।