
भोपाल ।
कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के बाद शिवराज सरकार ने कर्मचारियों से जुड़े लंबित मामलों पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के लगभग सात लाख कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि जुलाई 2021 से मिल सकती है। वित्त विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। हालांकि, वर्ष 2020 की वेतनवृद्धि का एरियर कैसे दिया जाएगा, यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तय करेंगे। कोरोना संकट की वजह से सरकार ने पिछले साल वेतनवृद्धि रोक ली थी, पर यह वादा किया था कि स्थिति सामान्य होते ही इसका लाभ दिया जाएगा। महंगाई भत्ते को लेकर केंद्र सरकार का रुख देखकर निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश में कोरोना की पहली लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था को देखते हुए वार्षिक वेतनवृद्धि के भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वेतनवृद्धि की काल्पनिक गणना करते हुए लाभ दिया गया था। कोरोना संक्रमण नियंत्रित होने पर मार्च 2021 में वित्त विभाग ने वेतनवृद्धि का लाभ देने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो पाया और फिर कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इससे मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब जब फिर कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ गया है तो कर्मचारियों को नियमित वेतनवृद्धि देने की तैयारी शुरू हो गई है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है जुलाई में वेतनवृद्धि दी जानी है और अभी तक इसे लेकर किसी प्रकार की आपत्ति नहीं आई है। पिछले साल की वेतनवृद्धि का लाभ किस तरह दिया जाएगा, इस पर निर्णय अलग से मुख्यमंत्री के स्तर से होगा। प्रस्ताव यह है कि एरियर की राशि सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में जमा कर दी जाए। वेतनवृद्धि मूल वेतन पर तीन प्रतिशत दी जाती है। इस प्रकार कर्मचारियों को कुल छह प्रतिशत की वेतन का लाभ दिया जा सकता है। इस पर लगभग एक हजार 800 करोड़ रुपये का भार आएगा।
महंगाई भत्ते के लिए केंद्र के रुख का इंतजार
प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसमें पांच प्रतिशत वृद्धि कमल नाथ सरकार ने की थी, लेकिन कोरोना संकट की वजह से इसके क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई थी। प्रदेश के कर्मचारियों को 2019 से महंगाई भत्ते की देय किस्त नहीं मिली है। जबकि, केंद्रीय कर्मचारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। केंद्र सरकार जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है। उसके आधार पर ही राज्य सरकार भी महंगाई भत्ते को लेकर निर्णय लेगी।