हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की आराधना की जाती है। इस वर्ष मोहिनी एकादशी 23 मई दिन रविवार को है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को दुख और कष्ट से मुक्ति मिलती है। साथ ही जो व्रत रखता है, वह बुद्धिमान और लोकप्रिय होता है। उसका प्रभुत्व और व्यक्तित्व बढ़ता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से आराधना की जाती है। आज हम मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि एवं मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं।
मोहिनी एकादशी की पूजा विधि
मोहिनी एकादशी के दिन सुबह घर की सफाई कर स्नान आदि से निवृत होकर पूजा घर में एक आसन की स्थापना करें। इस पर एक पीले रंग का कपड़ा बिछा दें और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। अब मोहिनी एकादशी व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, पंचामृत, तुलसी, धूप, दीप, गंध, अक्षत्, चंदन, रोली आदि अर्पित करें। इसके बाद मोहिनी एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें। फिर भगवान विष्णु की आरती करें। आपने जो भी भोग लगाया है, उसमें से कुछ प्रसाद घर परिवार में बांट दें। व्रत के दौरान किसी के भी लिए मन में कोई द्वेष न हो, साथ ही किसी की बुराई या असत्यक वचनों से भी बचें। अन्यथा व्रत का फल नहीं मिलेगा।
मोहिनी एकादशी व्रत तिथि एवं मुहूर्त
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 22 मई को सुबह 09:15 बजे शुरु हो रही है, जो 23 मई को प्रात: 06 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। उदयव्यापनी तिथि 23 मई को है, इसलिए 23 मई को ही मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’