श्रीनगर ।
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद बाबू के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करने वाले निलंबित पुलिस डीएसपी देविंद्र सिंह व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त कुपवाड़ा के दो सरकारी अध्यापकों को जम्मू कश्मीर सकरार ने वीरवार को सेवा मुक्त कर दिया। इन सभी को राष्ट्रीय एकता, अखंडता औेर सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए सेवा मुक्त किया गया है। बीते एक माह के दौरान आतंकी व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में करीब 6 सरकारी अधिकारी व कर्मी सेवामुक्त हो चुके हैं। इनमें एक असिस्टेंट प्रोफेसर और एक नायब तहसीलदार भी शामिल है।
जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी देविंद्र सिंह को लगभग 16 माह पहले 11 जनवरी 2020 को जम्मू कश्मीर पुलिस के एक दल ने श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर दक्षिण कश्मीर के अल-स्टाप काजीगुंड के पास पकड़ा था। देविंद्र सिंह के साथ उस समय कार में हिजबुल मुजाहिदीन का सात लाख का इनामी आतंकी नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू व लश्कर आतंकी रफी राथर और आतंकियों का OGW वर्कर एडवोकेट इरफान शफी मीर सवार थे। देविंद्र सिंह इन सभी को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सुरक्षा एजेंसियों से बचाते हुए जम्मू पह़ुंचाने की फिराक में था। गिरफ्तारी के समय हथियारों का एक जखीरा भी मिला था।
पुलिस ने देविंद्र सिंह काे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और जांच को भी एनआइए के हवाले किया गया। आतंकी नवीद और देविंद्र सिंह के खुलासों के आधार पर ही पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद उर रहमान पारा समेत करीब एक दर्जन लोग इस मामले में पकड़े जा चुक हैं। इनमें एक भाजपा का नेता भी शामिल है। देविंद्र सिंह के खिलाफ बीते साल ही एनआइए ने अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कई अधिकारी भी देविंद्र सिंह के साथ इंटरनेट मीडिया पर लगातार संपर्क में थे।
देविंद्र सिंह के अलावा उत्तरी कश्मीर के दो अध्यापकों माेहम्मद युसुफ गनई निवासी त्रिच कुपवाड़ा और बशीर अहमद शेख निवासी दिलदार बटपोरा,करनाह कुपवाड़ा की सेवाएं समाप्त की गई हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हवाले से देविंद्र सिंह व दो अध्यापकाें को सेवामुक्त किए जाने के आदेश का जारी करते हुए कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करने के आरोपित निलंबित डीएसपी देविंद्र सिंह के खिलाफ एनआइए भी अदालत में अारोपपत्र दायर कर चुकी है। निलंबित डीएसपी देविंद्र सिंह पुत्र दीदार सिंह निवासी ओवरीगुंड त्राल पुलवामा की गतिविधियों के बारे में उपलब्ध जानकारी और उसके खिलाफ मामले से जुड़े सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उसकी सेवाएं समाप्त की जाती है। उपराज्यपाल ने देविंद्र सिंह व कुपवाड़ा के दो अध्यापकों की सेवाओं का राष्ट्रीय संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड दो के प्रावधान के उपखंड सी के तहत समाप्त किया है। इसके मुताबििक, राष्ट्रीय एकता अखंडता व सुरक्षा के लिए खतरा बने सरकारी अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ जांच की आवश्यक्ता नहीं होती, उन्हें तत्काल प्रभाव से साक्ष्यों के आधार पर सेवामुक्त किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने सरकारी तंत्र में बैठे आतंकियों व अलगाववादियों के समर्थकों व राष्टद्रोही तत्वों केा चिन्हित करने और उनके मामलों की जांच कर, उनकी सेवाएं समाप्त करने संबंधी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 21 अप्रैल को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआइडी जम्मू कश्मीर के नेतृत्व में एक विशेष कार्यबल गठित किया है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 500 अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ जांच शुरु कर रखी है जो प्रत्यक्ष-परोक्ष रुप से राष्ट्रविराेधी तत्वों के साथ शामिल हैं।