मुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा आरंभ हो गयी है । छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद आज सुबह गंगोत्री धाम के कपाट मिथुन लग्न में सुबह 07:30 पर पूरे विधि-विधान से साथ खुल गए हैं। केदारनाथ मंदिर के कपाट 17 मई को और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खुलेंगे ।
प्रदेश में संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 29 अप्रैल को चारधाम यात्रा स्थगित करने की घोषणा की थी और कहा था कि धामों के कपाट नियत समय पर खुलेंगे लेकिन उनमें पूजा पाठ केवल तीर्थ पुरोहित ही करेंगे । सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए।
कपाट खुलने के दौरान इस साल भी श्रद्धालु मौजूद नहीं रहे। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है । पिछले साल भी केवल तीर्थ पुरोहित और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ही धाम के कपाट खुले थे । वहीं इससे पहले अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में सवा बारह बजे विधिवत पूजा अर्चना के साथ यमुनोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों, बडकोट के उपजिलाधिकारी चतर सिंह तथा तीर्थ पुरोहितों सहित कुल 25 लोगों की मौजूदगी में यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे।
कपाट खुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री मोदी की ओर से की गई थी । प्रधानमंत्री की ओर से यमुनोत्री में पहली पूजा के लिए 1101 रुपये की धनराशि दी गयी जिसे चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने यमुनोत्री मंदिर समिति के खाते में स्थांतरित किया गया।