दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्से में बुधवार को ईद का चांद नजर नहीं आया है, इसलिए ईद-उल-फितर का त्यौहार आज मनाया जा रहा है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण मुस्लिम समुदाय के लोग लगातार दूसरे वर्ष ईद-उल-फित्र हर्षोल्लास से नहीं मना सके। महामारी के कारण मस्जिदें बंद रहीं और इस त्योहार को मनाने के लिए परिवार के लोग एकजुट नहीं हो पाए।
राष्ट्रपति ने दी ईद की बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को ईद-उल-फितर की बधाई देते हुए आह्वान किया कि वे कोविड-19 को हराने के लिए नियमों और दिशानिर्देशों का अनुपालन करें। साथ ही देश और समाज की भलाई के लिए काम करें। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि ईद-उल-फितर का पावन त्योहार रमजान के संपन्न होने पर भाईचारे और सदभावना के अवसर के रूप में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर खुद को मानवता की सेवा की ओर मोड़ने और जरूरतमंद की जिंदगी को बेहतर बनाने के अवसर के तौर पर भी मनाया जाता है।
नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील
रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्होंने कहा कि हम सभी संकल्प लें कि कोविड-19 की इस महामारी में सभी नियमों और दिशानिर्देशों का अनुपालन करेंगे और समाज और देश की भलाई के लिए काम करेंगे।’’राष्ट्रपति ने कहा कि ईद्-उल-फितर के मौके पर मैं सभी देशवासियों, खासतौर पर मुस्लिम भाइयों और बहनों को बधाई देता हूं। मुसलमानों के लिए अभी इस्लामी कलेंडर का नौवां महीना ‘रमज़ान’ चल रहा है जिसमें समुदाय के लोग रोज़ा (व्रत) रखते हैं। रमज़ान के महीने में रोज़ेदार सुबह सूरज निकलने से पहले से लेकर सूरज डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। यह महीना ईद का चांद नजर आने के साथ खत्म होता है।
ईद की नमाज़ घर पर ही पढ़ें
इससे पहले जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने मुसलमानों से अपील की है कि वे कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए ईद की नमाज़ घर में ही पढ़ें। बुखारी ने कहा था कि हालात की नज़ाकत को देखते हुए मेरी अपील है कि ईद की नमाज़ अपने घरों में ही पढ़ी जाए तो बेहतर है।”उन्होंने कहा कि जो लोग ईद के दिन मस्जिद में नमाज़ अदा न कर सकें वे घर में सुबह के वक्त चार रकात नमाज़ ‘नफील’ पढ़ें और फिर ‘तकबीर’ पढ़ें और अल्लाह से दुआ करें।”