भोपाल ।
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए राज्य सरकार ने रूपरेखा तैयार कर ली है। इसमें नवजात और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश में इनके लिए मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में आइसीयू वाले 360 बिस्तर तैयार किए जाएंगे। इसी कड़ी में भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 50 बिस्तर का बच्चों का आइसीयू तैयार किया जाएगा। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा ली गई बैठक में दी गई। सारंग रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं उनके कोविड अस्पतालों के चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम एवं उपचार पर चर्चा कर रहे थे। सारंग ने बताया कि बच्चों के उपचार के लिए दवाइयों और इंजेक्शन के इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को इस दिशा में तत्परता से काम करने के निर्देश दिए।
एक हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाएंगे: बैठक में बताया गया कि 13 मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में एक हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर स्थापित किए जाएंगे। कार्ययोजना यह है कि इनमें से 15 फीसद का बैकअप रखते हुए 850 आक्सीजन बेड को सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई से पृथक करते हुए आक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से संचालित किया जाएगा। मंत्री सारंग ने कहा कि आक्सीजन कंसंट्रेटर के सातों दिन और 24 घंटे संचालन के लिए अस्पताल में बिजली के विद्युत भार का आकलन, इलेक्ट्रिक सेफ्टी एवं ऑडिट, प्रत्येक बिस्तर पर पावर प्लग आदि की व्यवस्था कॉलेजों के डीन सुनिश्चित करें।
आक्सीजनयुक्त बिस्तर और आइसीयू व एचडीयू बिस्तर की संख्या बढ़ाई जाएगी। 13 मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में प्रथम चरण में 1267 बिस्तर बढ़ाए जाएंगे। इनमें से 767 बिस्तर आइसीयू व एचडीयू होंगे। बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक राशि राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े सहित संबंधित मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष एवं संभागायुक्त, डीन तथा अस्पतालों के अधीक्षक उपस्थित थे।
19,710 मरीजों को दिया गया नि:शुल्क इलाज
मुख्यमंत्री कोविड सहायता योजना के तहत 19,710 मरीजों को नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें 15,579 का शासकीय, 3,042 का अनुबंधित और 1,079 मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संबद्ध अस्पतालों में इलाज कराया जा रहा है। इन मरीजों पर 1.13 करोड़ रुपये से ज्यादा योजना के तहत व्यय किए जा रहे हैं।
87 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई : कोरोना मरीजों से अधिक शुल्क वसूले जाने पर 87 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इनसे 24.54 लाख रुपये मरीजों को वापस दिलाए हैं। 32 व्यक्तियों पर एफआइआर दर्ज की गई। रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे हैं।