नई दिल्ली ।
हाल ही में डीआरडीओ द्वारा कोविड रोधी दवा विकसित की गई है, जिसके आपात इस्तेमाल के लिए डीसीजीआई (DCGI) ने मंजूरी दे दी है। अब ताजा जानकारी ये है कि इस दवा के कम से कम 10 हजार डोज 12 मई तक बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे। डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने इस बात का खुलासा किया है। DRDO चीफ जी. सतीश रेड्डी ने बताया कि कोरोना मरीजों का इस दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई इस दवा के सेवन से ऑक्सीजन पर निर्भर कोरोना मरीज 2-3 दिन के अंदर ऑक्सीजन सपोर्ट को छोड़ देता है और जल्द ही रिकवर होने लगता है।
ऐसे तैयार हुई ये दवा
गौरतलब है कि इस दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला आईएनएमएएस ने हैदराबाद के डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है। इस दवा का नाम 2-डीजी है। इसका पूरा नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज है। बीते साल अप्रैल 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान आईएनएमएएस-डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद की मदद से प्रयोगों के दौरान पाया कि यह दवा सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है और वायरल बढ़ने को रोकती है। इसी आधार पर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDMCO) ने मई 2020 में कोविड-19 रोगियों में 2-डीजी के चरण-2 के ड्रग ट्रायल की अनुमित दी थी।
दवा के सफल रहे परिणाम
अलग-अलग चरणों में किए गए कई परीक्षणों में सफल परिणामों के आधार पर DGCI ने नवंबर 2020 में चरण-3 नैदानिक परीक्षणों की अनुमति दी। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 कोविड अस्पतालों में दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच 220 मरीजों पर फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल किया गया।