
जगदलपुर।
पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश से बस्तर पहुंचे कोरोना के नए स्ट्रेन ने जिला प्रशासनों की चिंता बढा दी है। घातक साबित हो रहे इस स्ट्रेन को बस्तर में फैलने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। बुधवार को बीजापुर, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव समेत अन्य जिलों से लगने वाली अंतरराज्यीय सीमा पर चौकसी बढा दी गई। सीमाओं को सील कर दिया गया है। आंध्र व तेलंगाना से लगने वाली सुकमा जिले की सीमा पर जमकर जांच शुरू हो गई है। जगदलपुर में कोविड टास्क फोर्स की बैठक में इस नए स्ट्रेन की रोकथाम के लिए रणनीति को लेकर घंटों अधिकारियों ने माथापच्ची की। तीन घंटे से अधिक चली बैठक में कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि बस्तर में पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच की जाए, चाहे वह किसी भी साधन से पहुंचा हो। उन्होंने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के साथ ही बस्तर जिले की सीमाओं पर बनाए गए जांच चौकियों में सभी यात्रियों की कोरोना जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश से आने वाले अधिकतर यात्री दरभा मार्ग से बस्तर जिले की सीमा में प्रवेश करेंगे। धनपुंजी और मारडूम मार्ग से आने की भी पूरी संभावना है इसलिए इन मार्गों पर सतर्कता रखी जाए और वाहन चालक सहित हर यात्री की कोरोना जांच की जाए। उन्होंने इस कार्य के लिए जांच चौकियों में अतिरिक्त कर्मचारियों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए और लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने सभी जांच चौकियों में सुरक्षा जवानों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए। ज्ञात हो कि बस्तर संभाग के सात जिलों में से दंतेवाडा को छोड छह की अंतरराज्यीय सीमाएं है। सुकमा जिले की सीमा आंध्र, तेलंगाना व ओडिशा से, बीजापुर की महाराष्ट्र व तेलंगाना से, बस्तर तथा कोंडागांव जिले की सीमा ओडिशा से तो नारायणपुर व कांकेर जिले की सीमा महाराष्ट्र से लगती हैं। सुकमा से दरभा होकर बस्तर जिला पहुंचा जाता है इसलिए जिला प्रशासन की चिंता बढ गई है।
युवक में हुई नए वैरिएंट की पुष्टि
विदित हो कि मंगलवार को जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड में आंध्रप्रदेश से पहुंचे युवक में कोरोना का नया स्ट्रेन मिलने की पुष्टि हुई थी। युवक की ट्रैवल हिस्ट्री के अलावा अन्य जानकारी ली गई है।
गलत जानकारी देकर बच रहे
बीजापुर जिले की सीमा महाराष्ट्र व तेलंगाना से लगती है। तेलंगाना के ज्यादा लोग आ-जा रहे हैं। मददेड सीमा पर नाका बनाया गया है, जहां करीब दो माह से जांच व पडताल की जा रही है। बावजूद इसके ज्यादा सख्ती न होने के चलते लोग फायदा भी उठा रहे हैं। गलत जानकारी दे रहे हैं। बस्तर, सुकमा व दंतेवाडा जिला जाने की बात कहने वालों को आसानी से छोड दिया जा रहा है। इन लोगों की जांच हो रही है और न ही विशेष पडताल। ऐसे में बीजापुर जिले के कई लोग भी दीगर जिले का बहाना बनाकर बच रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिन जिला मुख्यालय के क्वारंटीन सेंटर से फरार एक व्यक्ति का पता सही मिला न ही मोबाइल नंबर।