इंदौर रेमडेसिविर को लेकर हमने एक व्यवस्था बनाई है। जिस भी मरीज के नाम पर रेमडेसिविर जा रही है। यदि उसे वह इंजेक्शन नहीं लगा और उसने ऐसा बयान दिया तो संबंधित के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल संचालक का दायित्व है कि जो भी मरीज भर्ती हैं। जो सूची वहीं से आ रही है, जिसे हम वेरीफाई कर रहे हैं। यदि अस्पताल में इस प्रकार की गड़बड़ी हुई तो उन पर सीधे कार्रवाई होगी। सबसे ज्यादा अति 15, 20 या 50 बेड वाले अस्पताल कर रहे हैं। यह बात कलेक्टर मनीष सिंह ने रेसीडेंसी कोठी में बैठक के बाद कही।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जनता कर्फ्यू अभी तो यह 7 मई तक बढ़ाया गया है। पिछले एक महीने में हमने अस्पताल की शिकायतों को लेकर तीन से चार बैठकें की थीं। ज्यादा समस्या छोटे अस्पतालों से आ रही है, यहां कुछ लोग बहुत ज्यादा अति कर रहे हैं, जो की अनुचित है। मैं ऐसे अस्पताल संचालकों को यही कहना चाहूंगा कि वे इस प्रकार से राशि वसूलेंगे तो वह राशि कोई दुआ के साथ नहीं जाएगी। उन्हें सोचना चाहिए कि इस प्रकार की राशि किसी को आज तक फली नहीं है। अस्पताल संचालकों को समझाइश देने के साथ कुछ अस्पताल भी बंद किए थे। कार्रवाई के बाद भी शिकायतें आ रही हैं।
कलेक्टर बोले – मानवीय पहलू को नहीं छोड़ना चाहिए
कलेक्टर ने कहा कि सभी अस्पताल मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन इस दौर में मानवीय पहलू को नहीं छोड़ना चाहिए। वह भी ईश्वर को मानते होंगे तो मानवीयता नहीं छोड़ें। मदद करने से लाभ भी होता ही रहेगा। अब शहरी एरिया में संक्रमण कम होता दिख रहा है। अस्पतालों पर दबाव भी कम हो रहा है। ग्रामीण एरिया में संक्रमण की रोकथाम का काम कर रही टीम से कहा – छोटी पंचायत में 20 तो बड़ी में 30 बेड का कोविड केयर सेंटर बना है। नगरीय निकाय में 50 से 150 बेड का बनाया है। सभी को बताया गया कि कोरोना लक्षण मिलने पर इन्हें यहां पर भर्ती करें और उनकी सारी दवा, भोजन का ध्यान रखा जाए। इससे संक्रमण को रोका जा सकेगा।
तीन अस्पतालों की आई है शिकायत
हाल ही में वी केयर नामक अस्पताल की भी शिकायत आई है। यूसिवर्सल अस्पताल की शिकायत आई है। दोनों अस्पतालों को डॉक्टर ही हेड कर रहे हैं। उसके बाद भी इतनी शिकायतें आ रही हैं। आरके अस्पताल की भी शिकायत आई है। इसे देखते हुए हमने एक ऑर्डर जारी किया गया है। यदि अब इन्होंने इसका पालन नहीं किया तो सीधे एफआईआर की जाएगी। इनके अब और अत्याचार आमजनता को बर्दाश्त नहीं करने दिया जाएगा।
इंदौर जिले में आज से यह नियम लागू
काेविड उपचार के नाम पर अस्पतालों द्वारा मरीजों को थमाए जा रहे अनाप-शनाप बिलों की लगातार आ रही शिकायतों के बाद कलेक्टर ने सभी निजी अस्पतालों में विविध सेवाओं को लेकर दरें तय करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है, जो सोमवार से ही लागू हाे गई हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने साथ ही अधिक बिल की शिकायतों की जांच के लिए शहरी सीमा के लिए अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा 9425152833 और ग्रामीण एरिया के लिए अपर कलेक्टर राजेश राठौर 9303938924 को प्रभारी बना दिया है।
यह संबंधित से दस्तावेजों के साथ लिखित शिकायत लेकर जोनल मेडिकल अधिकारियों की मदद से 48 घंटे के भीतर जांच करेंगे और कार्रवाई होगी। कलेक्टर ने अस्पताल, मेडिकल स्टॉफ आदि को सुरक्षा देने के निर्देश भी एसडीएम और पुलिस को दिए हैं। साथ ही अस्पताल के स्टॉफ के छुट्टी जाने को लेकर चेतावनी दी है कि विकल्प व्यवस्था हो। मेडिकल छुट्टी लेने वालों की शासकीय बोर्ड में जांच होगी और गलत पाए जाने पर एफआईआर होगी।