इंदौर।
पीथमपुर में करीब साढ़े तीन साल से बंद मित्तल स्टील कंपनी का आक्सीजन प्लांट शुरू हो गया है। यहां से हर दिन 4 हजार सिलिंडर आक्सीजन मिलेगी जो अस्पतालों में कोरोना के गंभीर मरीजों को प्राणवायु देने का काम करेगी। बुधवार को प्लांट का विधिवत शुभारंभ हुआ। इस प्लांट से इंदौर और अासपास के जिलों को पर्याप्त आक्सीजन मिलने की संभावना है। बुधवार रात को यहां से हरदा, देवास, बड़नगर, बड़वानी के अस्पतालों के लिए आक्सीजन सिलिंडर भरकर रवाना किए गए। यह प्लांट 24 घंटे चलेगा और जैसे-जैसे आसपास के जिलों से खाली सिलिंडर आते जाएंगे, यहां से भरते जाएंगे।
करीब एक सप्ताह की मेहनत के बाद दो दिन प्लांट की टेस्टिंग हुई और बुधवार को इसका विधिवत शुभारंभ हुआ। इस दौरान संभागायुक्त डा. पवन शर्मा, धार कलेक्टर आलोक सिंह, एसपी आदित्यप्रताप सिंह, अपर कलेक्टर सलोनी सिडाना, मित्तल स्टील के डायरेक्टर करण मित्तल, तहसीलदार विनोद राठौड़ आदि मौजूद थे।
इस प्लांट को तैयार करने में एकेवीएन की ओर से सहायक यंत्री मार्तंड सिरोलिया, आशुतोष नामदेव, प्रबंधक आनंद टेम्भरे, प्लांट के प्रभारी मदन अग्रवाल, तकनीकी प्रमुख निर्मल तोमर ने काफी मेहनत की। दरअसल, मनुष्यों को आक्सीजन देने के लिए इसकी शुद्धता बहुत जरूरी है। इसलिए आक्सीजन की शुद्धता जांचने और ट्रायल के लिए मंगलवार को ही प्लांट शुरू कर दिया गया था।
आक्सीजन फिल्टर मीटर से जांचने पर करीब 24 घंटे के बाद इसमें 98-99 प्रतिशत शुद्ध आक्सीजन मिलना शुरू हुई। इसके बाद बुधवार को आक्सीजन सिलिंडर भरना शुरू किए गए। उल्लेखनीय है कि यह मित्तल स्टील कंपनी का आक्सीजन प्लांट है जहां स्टील प्लांट के लिए औद्योगिक आक्सीजन का निर्माण होता था, लेकिन करीब साढ़े तीन साल से स्टील प्लांट के साथ ही यह आक्सीजन प्लांट भी ठप था। कोरोना महामारी में जरूरत को देखते हुए प्रशासन और कंपनी ने यहां के आक्सीजन प्लांट को शुरू करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। बताया जाता है कि एकेवीएन और मित्तल स्टील कार्प इसे मिलकर चलाएंगे।