भोपाल ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने से ही कोरोना पर विजय पाई जा सकती है। प्रदेश एक्टिव केसेस में देश में 7 वें नंबर से बेहतर स्थिति में होकर 11 वें नंबर पर आ गया है। परंतु कोरोना का स्वरूप कब क्या रूप ले ले इसलिए हमें संभलकर चलना होगा। मुख्यमंत्री कोरोना नियंत्रण के संबंध में आज कोविड प्रभारी मंत्रियों, कमिश्नर, कलेक्टर्स, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं जिले में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से वर्चुअली चर्चा कर रहे थे।
पॉजिटिव मरीजों की दर घटी- रिकवरी रेट में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की दर लगातार घट रही है। मंगलवार को यह दर 22.76 प्रतिशत थी। जो आज घटकर कर 21.71 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हुई है। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। गत 23 अप्रैल को रिकवरी दर 80.41 प्रतिशत थी जो बढ़कर 81.75 प्रतिशत हो गयी है। इसके साथ रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो कल तक कुल 11 हजार 577 थी। आज 14 हजार 156 हो गई है।
चौहान ने बताया कि प्रदेश के एक्टिव प्रकरण में आज पहली बार कमी देखने को मिली है। कल तक 94 हजार 276 एक्टिव प्रकरण थे, जो आज घटकर 92 हजार 773 हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के छिंदवाड़ा, शाजापुर, पन्ना, आगर-मालवा, उमरिया, कटनी, अनूपपुर, गुना, देवास एवं बड़वानी ऐसे 10 जिले हैं जहाँ प्रतिदिन नए पॉजिटिव केसों में कमी आई है।
चौहान ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में नए पॉजिटिव केस निरंतर बढ़ रहे हैं। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में इन केसों में निरंतर वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी जिलों में ऑक्सीजन और इंजेक्शन का आवश्यकतानुसार वितरण किया जा सके।
कोरोना कर्फ्यू का करायें कड़ाई से पालन
चौहान ने प्रभारी अधिकारियों से कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने में सबसे ज्यादा कारगर उपाय कोरोना कर्फ्यू है। जनता को प्रेरित कर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। जनता कर्फ्यू कोई लॉकडाउन नहीं है, जनता द्वारा स्वयं संक्रमण से सुरक्षा के लिए लिया गया निर्णय है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है प्रदेश के लगभग 90 प्रतिशत ग्राम पंचायतें, अपने गांवों में कोरोना कर्फ्यू लगाने का स्वयं संकल्प ले चुकी हैं।
किल कोरोना-2 अभियान को दें प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के जिन क्षेत्रों में संक्रमण दर अधिक है वहां किल कोरोना अभियान-2 चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत रीवा, सीहोर, सतना, रायसेन, दतिया, अनूपपुर, नीमच, शिवपुरी, नरसिंहपुर और श्योपुर आदि जिले हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में माइक्रो कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित कर संक्रमण को वहीं रोक दें। सर्वे में संभावित मरीजों को तत्काल मेडिकल किट एवं सावधानी संबंधी ब्रोशर उपलब्ध करावाकर होम आईसोलेट कराये।
होम आइसोलेशन एवं कोविड सेंटर्स हों सक्रिय
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आज तक 69 हजार मरीज होम आईसोलेटेड हैं। प्रयास यह होना चाहिए कि मरीजों को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़े। वे होम आईसोलेशन में ही ठीक हो जायें। होम क्वारेन्टाइन एवं कोविड केयर सेंटर में मरीजों की देखभाल के लिए उनसे सतत संवाद रखें। जिन क्षेत्रों में संक्रमण केस अधिक आ रहे हैं, वहाँ माइक्रो प्लानिंग कर माइक्रो कन्टेन्मेंट एरिया बनायें। नए केस नहीं बढ़ने देना है, जहाँ कोरोना हो वहीं उसे खतम करें।
रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन कराये। अनावश्यक रूप से इंजेक्शन की माँग पर अंकुश लगायें। इंजेक्शन उसे मिले जिसे जरूरत हो और उतना जितनी आवश्यकता हो। सप्लाई एवं वितरण की अनावश्यक प्रतिस्पर्धा की प्रवृति जिले नहीं रखें। जितनी आवश्यकता हो उतना ही माँग रखें।
सभी संभाग में बनेगा बड़ा ऑक्सीजन प्लाँट
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक संभाग में अधिकतम 6 माह में एक-एक बड़ा ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जाये। उसके लिए स्थान सुनिश्चित करें। पीथमपुर में पुराने गैस प्लांट को सुधारा गया है, जिससे 30 से 32 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त होगी। मालनपुर में भी ऐसे ही प्रयास किये गये हैं। बीना रिफायनरी में ऑक्सीजन तो है परंतु उसे टैंकर में नहीं भरा जा सकता है अत: वहीं पर हॉस्पिटल निर्माण काराया जा रहा है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हम रेल, सड़क और वायु मार्ग से जरूरी ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही भारत सरकार के साथ समन्वय कर आपूर्ति के प्रयास जारी हैं।
7 मई तक बढ़ाया गया उज्जैन जिले में जनता कर्फ्यू
उज्जैन में जिला क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने 7 मई तक जनता कर्फ्यू बढाने का फैसला किया है। बैठक में कोरोना संक्रमित मरीजों के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया निर्णय। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद उज्जैन जिले की स्थिति को देखते हुए प्रशासन का यह बड़ा निर्णय हैै।