भोपाल : चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि हर जिले में कोविड मरीजों के लिये 1075 कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। मरीज के परिजन कॉल सेंटर पर कॉल कर शासकीय और अशासकीय अस्पतालों में खाली बिस्तर की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर मरीज को भर्ती करवा सकते हैं। सारंग मंगलवार को मंत्रालय से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के डीन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर रहे थे। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवडे और चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव उपस्थित थीं।
मंत्री सारंग ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज आयुष, डेन्टल और होम्योपैथी के डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को भी जल्द ही ट्रेंनिग देंगे। इससे अस्पतालों और केयर सेंटरों में स्टॉफ की कमी की पूर्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज इस संकट से निपटने के लिये कुछ नवाचार भी करें और अवगत करवाये।
सारंग ने एक मई से 18 की उम्र के ऊपर के लोगों को वैक्सीनेशन की आवश्यक तैयारियाँ करने के निर्देश दिये। विस्तृत निर्देश अलग से जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ऑक्सीजन और मेडिकल की आवश्यकतानुसार डिमांड पहले से भेजें। साथ ही ऑक्सीजन टेंकर की सप्लाई स्टेशन से डम्पिंग स्टेशन तक मेपिंग के लिये एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाएँ, जो लगातार उसकी मॉनीटरिंग करे।
मंत्री सारंग ने कहा कि कोरोना मरीज और उनके परिजनों के लिये अस्पतालों में होटलों के रिसेप्शन जैसा हेल्प डेस्क बनाएँ, जिस पर उन्हें पूरी एक्टिविटी की जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि मरीज की उनके परिजनों से जूम/सीसीटीवी/वीडियो कॉलिंग के माध्यम से दिन में एक बार बात जरूर करवाएँ, जिससे मरीज और उनके परिजन संतुष्ट हों। कोविड की गाइड-लाइन का पालन सुनिश्चित हो। मरीजों को अच्छा वातावरण मिल सके, इसकी हर संभव कोशिशें हो।
मंत्री सांरग ने कहा कि टेस्टिंग की रिपोर्ट 24 घन्टे के अन्दर प्राप्त हो, इसके लिये पोर्टल पर समय से डाटा एन्ट्री हो। उन्होंने कहा कि पूरी टीम बड़ी मेहनत से काम कर रही है, यह अच्छी बात है। इस संक्रमण एवं संकट के दौर में विभाग की जिम्मेदारी बड़ी है, इसके लिये कोरोना मरीज की एडमिशन प्रक्रिया अस्पतालों में सुनिश्चित करने की जरूरत है। मंत्री सांरग ने कहा कि डीन, अधीक्षक और हॉस्पिटल मैनेजमेंट प्रमुख व्यवस्थाओं की सतत् निगरानी रखे। गंभीर मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। कोरोना नियंत्रण एवं रोकथाम की व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारी लगातार संवाद बनाए रखें।