पश्चिम बंगाल |
विधानसभा चुनावों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग ने 28 मार्च और 7 अप्रैल को केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ दिए उनके बयान को लेकर उन्हें नोटिस भेजा और 10 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।इससे पहले आयोग ने ममता को ‘मुस्लिमों के एकजुट हो जाने’ वाले बयान पर नोटिस भेजा था।
इससे पहले बनर्जी ने कहा था कि वह सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और चुनाव आयोग चाहे तो उन्हें दस कारण बताओ नोटिस भेज दे, , लेकिन इनसे वह अपना रुख नहीं बदलेंगी। ममता ने कथित रूप से मुस्लिम मतदाताओं से टीएमसी के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने बुधवार को बनर्जी को आचार संहिता के उल्लंघन के लिये नोटिस भेजा था।
टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने दोमजुर में चुनाव प्रचार के दौरान पूछा कि जब भाजपा के स्टार प्रचारक तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने भाषणों में हिंदू और मुस्लिम वोटबैंक का जिक्र करते हैं तो उनके खिलाफ कोई शिकायत क्यों दर्ज नहीं की जाती? बनर्जी ने कहा था कि चुनाव आयोग चाहें तो मुझे दस कारण बताओ नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन मेरा जवाब एक ही होगा। मैं हमेशा हिंदू, मुस्लिम वोटों के विभाजन के खिलाफ बोलती रहूंगी। मैं धार्मिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के खिलाफ खड़ी रहूंगी।