भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के खिलाफ कांग्रेस विवेक तन्खा को मैदान में उतारेगी

भोपाल के बाद कांग्रेस जबलपुर से बड़ा दाव खेलने की तैयारी में हैं। जबलपुर संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को मैदान में उतार चुकी है। कांग्रेस उनके खिलाफ राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। शनिवार देर रात तक कांग्रेस की एक और सूची आ सकती है। इसमें मध्यप्रदेश से जबलपुर संसदीय सीट से विवेक तन्खा, सीधी से अजय सिंह और छिंदवाड़ा से नकुल नाथ के नामों की घोषणा हो सकती है। 

कमलनाथ ने सूची जारी होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम भोपाल से प्रस्तावित कर सबको चौंका दिया था। नाथ ने कहा था कि प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को उन सीटों से चुनाव लड़ना चाहिए जहां से पार्टी 30-35 साल से चुनाव नहीं जीती है। मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह को भोपाल के इतर जबलपुर या इंदौर सीट से चुनाव लड़ने की सलाह भी दी थी। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कमलनाथ को धन्यवाद देते हुए उन्हें “कहां से चुनाव लड़ना है” का फैसला राहुल गांधी पर छोड़ दिया था। भोपाल में मिंटो हाॅल में होली मिलन समारोह में उन्होंने दिग्विजय सिंह के नाम की घोषणा भी कर दी थी। 


2 अप्रैल को होगी बैठक : दिग्विजय सिंह के भोपाल से प्रत्याशी बनने की घोषणा के बाद बने नए समीकरण के बाद अब कांग्रेस कुछ ऐसा ही निर्णय जबलपुर और इंदौर संसदीय क्षेत्र के लिए भी लेने जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कहां से चुनाव लड़ेंगे ये भी अभी तय नहीं हैं। इंदौर, ग्वालियर, शिवपुरी के अलावा विदिशा सीट को भी अभी होल्ड पर रखा गया है। सिंधिया का तीनों संसदीय क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है। 2 अप्रैल को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक संभावित है। अभी 20 सीटों पर कांग्रेस को टिकट घोषित करना बाकी है। उधर, भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आने को तैयार पूर्व सांसद अशोक अर्गल को भिंड से टिकट देने की तैयारी है। उनका नाम लगभग तय है, लेकिन इस पर बैठक में निर्णय होगा।

कमलनाथ ने गोविंदा से कहा- इंदौर से लड़ लो : शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलने आए एक्टर गोविंदा के सामने मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा। इस पर गोविंदा ने कहा कि अभी तो नहीं। गोविंदा और कमलनाथ करीब आधा घंटा साथ रहे। गोविंदा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले राजनीति में रहा हूं, लेकिन फिलहाल राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। उनसे पूछा गया कि कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे तो कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अभी निजी काम से आया हूं। 2004 में गोविंदा मुंबई से एक बार लोकसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं। 

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