हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है। इस दिन भक्त नर्मदा नदी की पूजा करते हैं जो उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाती है। मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक इस दिन का अवलोकन करने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। इस जयंती को पूरे मध्य प्रदेश में बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि जो गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है वहीं पुण्य नर्मदा नदी में नहाने से भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं नर्मदा जयंती का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व।
नर्मदा जयंती का शुभ मुहूर्त:
सप्तमी तिथि शुरू- 18 फरवरी, गुरुवार को सुबह 08 बजकर 17 मिनट बजे से
सप्तमी तिथि समाप्त- 19 फरवरी, शुक्रवार सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर
नर्मदा जयंती का महत्व:
नर्मदा जयंती का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा है। भारत में 7 धार्मिक नदियां हैं और उन्हीं में से एक मां नर्मदा भी हैं। कहा जाता है कि देवताओं के पाप धोने के लिए भगवान शिव ने मां नर्मदा को उत्पन्न किया था। मान्यता है कि अगर सच्चे मन से नर्मदा नदी में स्नान किया जाए तो व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं। एक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव घोर अराधना में लीन थे। इससे उनके शरीर से पसीना निकलने लगा था। यह पसीना नदी के रूप में बहने लगा और वह नर्मदा नदी बन गई।