नई दिल्ली। कुछ विशिष्ट स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सामान्य सर्जरी के लिए प्रशिक्षित किए जाने के केंद्र के आदेश का विरोध तेज हो गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए सर्जन और एनेस्थियोलाजिस्ट का आह्वान किया है कि वे आयुष डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने असहयोग करें। उसका कहना है कि सरकार की अधिसूचना से मिक्सोपैथी (उपचार की एक से अधिक पद्धति का घालमेल) की स्थिति उत्पन्न होगी।
आइएमए अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल ने कहा है कि एसोसिएशन ऐसे एक हजार एलोपैथी के डॉक्टरों की सूची सरकार को सौंपेगी, जो सुदूर क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक हैं ताकि डॉक्टरों की कमी के झूठे दावे का पर्दाफाश हो सके। एसोसिएशन ने देशभर में एक फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू की थी, जो रविवार को समाप्त हो गई।
15 फरवरी से 31 मार्च तक किए जाएंगे ऑनलाइन हस्ताक्षर
उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं को बचाने की दिशा में यह हमारा पहला कदम था। अब हम अपने आंदोलन को असहयोग के जरिये अगले चरण में ले जाएंगे। एसोसिएशन ने 15 फरवरी से 31 मार्च तक ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान चलाने की घोषणा की है।
एक बयान में कहा गया है कि आइएमए के सभी सदस्य, सभी विशेषज्ञ संस्थाएं, एलोपैथी पढ़ने वाले छात्र, देश की सभी महिला डॉक्टर चिकित्सा की अलग-अलग पद्धतियों को आपस में मिलाने के इस अवैज्ञानिक तरीके के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे।