मंगल (Mars) ग्रह को शांत प्लानेट माना जाता है। इसका तापमान भी ठंडा है और सतह पर बर्फ भी है। लेकिन यहां हो रही कुछ घटनाओं के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। नासा (Nasa) के इंसाइट अभियान के जरिए पता चला है कि मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी जैसे भूकंप आ रहे हैं। इस तरह की घटना अब वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बन गई है। वहीं पिछले कई वर्षों में मंगल ग्रह पर रिकरिंग स्लोप लाइन दिख रही है। एक वरिष्ठ रिसर्च साइंटिस्ट बिशप ने कहा कि हमने कक्षा से जमीन पर बनी गहरी रेखाओं से पहचान की है। ये सूरज की ओर ढाल वाले इलाकों में होती है। इसके कारण ऐसा कहा जा सकता है कि इसका संबंध बर्फ पिघलने से है।
बिशप ने कहा कि यह घटनाएं धूल के तूफानों के कुछ महीनों बाद काफी बढ़ जाती है और फिर धीरे-धीरे हम होने लगती है। वहीं मंगल के भूमध्य रेखा के इलाकों में सबसे ज्यादा वहा होती है जहां बर्फ कम है। बता दें हाल ही में भूस्खलन किसी रोवर या लैंडर द्वारा नहीं देखा गया। वैज्ञानिक लैब में ही मंगल ग्रह की परिस्थितियां पैदा कर भूकंप के कारणों का पता लगाने का प्रयत्न कर रहे हैं। साइंटिस्टों का कहना है, ऐसी घटनाएं मंगल ग्रह पर ही नहीं पृथ्वी पर भी होती है। ऐसी घटना चिली के आटाकामा रेगिस्तान, अंटार्कटिका और डेड सी पर देखी जाती है।
वैज्ञानिकों का इस विषय में कहना है कि मंगल ग्रह में हो रही घटना आटाकामा में भी होती है। यह दोनों सूखे वातावरण हैं। अंटार्कटिका में अच्छा यह है ति बहुत ही ठंडा है। यहां की बीकोन घाटी मंगल की तरह है। बता दें नासा के वैज्ञानिक मंगल पर विशेष शौध कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक समय यहां मनुष्यों के लिए जीवन था, लेकिन आज वहां ऐसे हालात की पीछे क्या वजह है।