लखनऊ/ भोपाल| मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और उनके बेटे आशुतोष टंडन ने ट्विटर पर एक पोस्ट के माध्यम से साझा की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- बाबूजी नहीं रहे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि टंडन ने हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। बता दें कि लालजी बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ में चल रहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘श्री लालजी टंडन को समाज सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया। उनके निधन से दुखी हूं।’
उन्हें कानून की बेहतर समझ थी: मोदी
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘लालजी टंडन समाज के लिए किए अपने कामों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वे एक कुशल प्रशासक थे। कानूनों मामलों की उन्हें गहरी समझ थी। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ वे लंबे समय तक और करीब से जुड़े रहे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।’’
संघ से 12 साल की उम्र में जुड़ गए थे
टंडन 12 साल की उम्र से ही संघ की शाखाओं में जाया करते थे। संघ से जुड़ाव के चलते ही उनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हुई थी। बाद में जब अटलजी ने लखनऊ की सीट छोड़ी तो बतौर विरासत लालजी टंडन को यह सीट सौंपी गई। 2009 में टंडन ने लोकसभा चुनाव जीता और लखनऊ के सांसद बने।