उज्जैन. कानपुर के बिकरू में हुए शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे को घटना के 6 दिन बाद गुरुवार सुबह नाटकीय ढंग से उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। वह महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचा था। गिरफ्तारी के बाद 2 घंटे तक विकास से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पूछताछ की गई। खबर है कि उसे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जज के सामने पेश किया गया।
इससे पहले कोर्ट में वकीलों ने विकास दुबे के खिलाफ नारेबाजी की। इसके चलते कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
उज्जैन पुलिस ने लखनऊ के दो वकीलों को भी हिरासत में लिया है। ये अपनी निजी गाड़ी से वहां पहुंचे थे। इसके अलावा, उज्जैन में विकास को ठिकाना देने वाला एक शराब कारोबारी, उसका मैनेजर और दो अन्य लोग हिरासत में लिए गए हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है।
विकास को यूपी एसटीएफ को सौंपने की तैयारी
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘‘गैंगस्टर विकास दुबे मध्यप्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। गिरफ्तारी कैसे हुई, इसके बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। विकास के दो साथियों बिट्टू और सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया है।’’ सूत्रों के अनुसार, उज्जैन पुलिस विकास को यूपी एसटीएफ को सीधे सौंपने की तैयारी में है। यूपी एसटीएफ चार्टर्ड प्लेन से इंदौर पहुंचेगी और प्लेन से ही विकास दुबे को अपने साथ लेकर जाएगी।
विकास की गिरफ्तारी की 4 बातें सामने आईं
1. ऐसा कहा जा रहा है कि वह खुद सरेंडर करने गया था।
2. उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, ‘विकास सुबह 8 बजे मंदिर परिसर के बाहर एक दुकान पर पहुंचा। उसने दुकानदार सुरेश से पूछा कि दर्शन के लिए रसीद कहां मिलती है। सुरेश को उस पर शक हुआ तो उसने महाकाल मंदिर की सिक्योरिटी को जानकारी दी। सिक्योरिटी ने उस पर नजर रखी। शक होने के बाद उससे पूछताछ की और आईडी कार्ड मांगा। विकास ने फर्जी आईडी कार्ड दिखाया, लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद उसने भागने की कोशिश की।
3. विकास को पकड़वाने वाले सिक्योरिटी गार्ड गोपाल सिंह ने बताया, ‘‘मैंने शक होने पर उसे पूछताछ के लिए रोका तो वह आनाकानी करने लगा। मुझे और ज्यादा शक हुआ, तो मैंने पुलिस को बुलाया। इस पर उसने मेरे साथ झूमाझटकी की। थोड़ी देर में पुलिस आई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।’’
4. विकास ने गुरुवार सुबह बाबा महाकाल के दर्शन के लिए वीआईपी एंट्री के लिए 250 रुपए की रसीद कटवाई। इस दौरान उसने अपना सही नाम विकास दुबे ही लिखवाया। इसके बाद वह महाकाल बाबा के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में पहुंचा। दर्शन के बाद विकास वहां मौजूद जवानों के पास गया और बोला कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं, मुझे पकड़ लो।
गिरफ्तारी पर उठे सवाल
- कानपुर शूटआउट में मारे गए दिवंगत डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के परिजन ने बड़ा आरोप लगाया है। रिश्तेदार कमलकांत ने कहा कि विकास दुबे को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े स्तर पर मिलीभगत हुई है।
- कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह तो उत्तरप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेंडर लग रहा है। मेरी सूचना है कि मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की वजह से यह संभव हुआ है। जय महाकाल।
- उत्तरप्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘बगैर किसी तथ्य को जाने अभी सरेंडर जैसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए। हम सभी अलर्ट पर थे, विकास वहां (उज्जैन) कैसे पहुंचा, इसकी जांच होगी। उसके जितने भी साथी हैं, उनके खिलाफ सर्च अभियान जारी रहेगा।’’
- विकास की मां सरला देवी ने कहा- ‘उसकी ससुराल मध्यप्रदेश में है। वह हर साल महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन जाता है। भोले बाबा ने मेरे बेटे की जान बचाई है। सरकार बेटे की जान बख्श दे।’
विकास ने अपने मोबाइल पर वीडियो भी बनाए
विकास ने गिरफ्तारी से पहले अपने मोबाइल पर कुछ वीडियो भी बनाए। इसके बाद जवानों ने उसे पकड़ लिया। एग्जिट मार्ग से बाहर ले जाकर चौकी में बैठा दिया। इसके बाद पुलिस के अफसरों को जानकारी दी। बाद में पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले गई।
शिवराज ने पुलिस को शाबासी दी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश पुलिस को शाबासी दी। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि विकास को उत्तरप्रदेश पुलिस को हैंडओवर किया जाएगा। दोनों राज्यों की पुलिस इस पर काम कर रही है।
7 दिन में विकास दुबे गैंग के 5 बदमाशों का एनकाउंटर
- इससे पहले बुधवार देर रात विकास दुबे के एक और करीबी प्रभात मिश्रा मारा गया। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भागने की कोशिश की, उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया।
- पुलिस ने बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
9 जुलाई: प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार।
DB