कानपुर. कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अब ढाई लाख का इनामी बदमाश हो गया है। सोमवार को कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल की सिफारिश पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने इनामी राशि बढ़ाई है। शुक्रवार को उस पर 50 हजार का इनाम रखा गया था। शनिवार रात आईजी ने एक लाख रुपए कर दिया था। अब सीधे डेढ़ लाख रुपए बढ़ाकर ढाई लाख रुपए इनाम कर दिया गया। फिलहाल, पुलिस वारदात के 72 घंटे के बाद भी विकास को नहीं पकड़ सकी है।
विकास की तलाश में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और नेपाल में पुलिस टीमें तलाश कर रही हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए कानपुर मंडल की 60 और बाकी टीमें लखनऊ स्तर से रवाना की गई हैं, जो बीहड़ों से लेकर नेपाल बॉर्डर पर कॉम्बिंग कर रही हैं। पुलिस ने विकास के पोस्टर भी नेपाल बॉर्डर और टोल प्लाजा पर चस्पा कराए हैं।
दो एसआई समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड, थानाध्यक्ष चौबेपुर पहले गिरी थी गाज
सोमवार को एसएसपी दिनेश कुमार पी ने थाना चौबेपुर के एसआई कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को निलंबित कर दिया है। इससे पहले थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी को सस्पेंड किया गया था। इन पर विकास दुबे को दबिश देने की मुखबिरी करने और एनकाउंटर के वक्त लापरवाही बरतने का आरोप है। सूत्रों की मानें तो मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने चौबेपुर के अलावा शिवली, शिवराजपुर और बिल्हौर थाने के 90 पुलिसकर्मियों के मोबाइल जब्त किए हैं। आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि जो भी घर का भेदी होगी, उसके खिलाफ अपराधी जैसा बर्ताव होगा। हत्या की धाराओं में केस दर्ज करके जेल भेजा जाएगा।
इससे पहले शनिवार को प्रशासन ने विकास दुबे के बिकरु गांव वाले घर को उसी जेसीबी से ढहा दिया था, जिससे उसने पुलिस का रास्ता रोका था। विकास दुबे के घर से 6 तमंचे, 25 कारतूस ओर 2 किलो विस्फोट, कील, 15 जिंदा बम मिले हैं। यह इतने शक्तिशाली हैं कि इससे पूरा घर उड़ाया जा सकता था। उसकी प्लानिंग बिल्कुल नक्सलियों की तरह बड़ी जनहानि करने की थी। अब तक की जांच में उसके परिवार में 12 लाइसेंसी असलहे होने की बात सामने आई है। यह असलहे वह दूसरों के नाम पर बनवाकर खुद उपयोग करता था।
शनिवार सुबह ही पुलिस ने विकास के खास गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था। यह इस हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी थी। उस पर 25 हजार का इनाम था। उसने पुलिस को बताया कि विकास ने जिस बंदूक से फायरिंग की, वह मेरे नाम है। उसने यह दावा भी किया कि पुलिस की दबिश से पहले विकास के पास एक फोन आया था। इसके बाद हमले की प्लानिंग की गई। 25-30 लोगों को हथियार समेत घर बुलाया गया।
दो घंटे की पूछताछ के बाद विकास और उसके भाई पर लखनऊ में केस
लखनऊ विकास प्राधिकरण विकास दुबे के लखनऊ के कृष्णानगर और इंद्रलोक कॉलोनी स्थित मकान की भी जांच कर रही है। रविवार को मकान की नपाई की गई। वहीं, देर शाम एसटीएफ की टीम ने विकास की मां सरला और परिवार के लोगों से पूछताछ की। करीब 2 घंटे चली पूछताछ में एसटीएफ को विकास के भाई दीप प्रकाश की पत्नी अंजली दुबे ने बताया कि उनके परिवार का विकास से कोई वास्ता नहीं है। इसलिए सरकार को जो कार्रवाई करनी है, विकास पर करे। उनके परिवार पर नहीं।
अंजली ने कहा कि उन्होंने अपने घर के सारे दस्तावेज दिखाए हैं, इसलिए उनके घर पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। इसके साथ एसटीएफ ने मोबाइल नम्बरों की जानकारी के साथ कुछ सवाल पूछे, जिसमें सबसे ज्यादा बात हुई थी। इसके बाद देर रात विकास और उसके भाई दीप प्रकाश के खिलाफ कृष्णानगर कोतवाली में रंगदारी वसूलने और धमकी का केस दर्ज किया गया। दीप प्रकाश के घर से बरामद एंबेसडर कार को विनीत पांडे के नाम के व्यक्ति ने नीलामी में खरीदी थी। विकास ने विनीत को धमकाते हुए जबरन नीलामी में खरीदी कार को उठा लिया था। विनीत की शिकायत पर ही पुलिस ने केस दर्ज किया है।
DB