इंदौर: किशोर वाधवानी को पहले मेडिकल के लिए उसे एमवाय अस्पताल लेकर जाया गया। हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण अस्पताल से लेकर कोर्ट परिसर तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। टैक्स चोरी मामले में डीजीजीआई ने उद्योगपति किशोर वाधवानी को गुरुवार दोपहर कोर्ट में पेश किया।वहीं, दोनों ही जगह मीडिया का भी जमावड़ा रहा। इंदौर के उद्योगपति किशोर वाधवानी को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) की टीम ने 225 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में मंगलवार को मुंबई से गिरफ्तार किया था।
मुंबई में सुनवाई के दौरान वाधवानी के वकील सुजॉय कांटावाला ने तर्क दिया कि उन्हें डायबिटीज, हाई बीपी है और मुंबई में जिस तरह से कोरोना फैला हुआ है उनका भी टेस्ट कराया गया है, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आई है, ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, वैसे भी इस पूरे मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। विभाग द्वारा इस पर आपत्ति ली गई कि यह गंभीर आर्थिक अपराध है और इसमें करोड़ों की टैक्स चोरी है, इसलिए रिमांड जरूरी है। जज एके काशीकर ने सभी तर्कों को सुनने के बाद वाधवानी की जमानत याचिका खारिज करते हुए 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड सौंप दी थी। यानी विभाग को गुरुवार दोपहर तक वाधवानी को इंदौर कोर्ट में पेश करना था।
इसके पहले बुधवार को दिनभर वाधवानी से सीजीओ काॅम्प्लेक्स में पूछताछ होती रही। बुधवार को सूचना थी कि डीजीजीआई जिला व सत्र न्यायालय में वाधवानी को ला सकती है। इसी चक्कर में वाधवानी का करीबी वैभव शर्मा भी कोर्ट परिसर के बाहर आ गया। मास्क लगाए, चश्मा पहने वह वाधवानी के आने पर उनसे मिलने की फिराक में था। शाम साढ़े 4 बजे डीजीजीआई की टीम ने शर्मा को पकड़ लिया। उसे भी पूछताछ के लिए सीजीओ काॅम्प्लेक्स ले जाया गया। डीजीजीआई को ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ कंपनी में शर्मा भी कागजों पर संचालक बना रखा है।
वाधवानी के खास सहयोगी वैभव शर्मा से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी डीजीजीआई को मिली है। वाधवानी ने अपनी एक कंपनी में वैभव को भी डायरेक्टर बना रखा था। वाधवानी से जुड़ने से पहले वैभव एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का काम करता था, लेकिन जुड़ने के बाद वह भी काले कारनामे में शामिल हो गया और एक कंपनी का डायरेक्टर बन गया।
जांच एजेंसियों द्वारा 30 मई को इंदौर के गुटखा कारोबारी गुरोनमल माटा, उसके बेटे के विभिन्न ठिकानों पर छापा मारा गया था। यह बात सामने आ गई थी कि लॉकडाउन के दौरान इंदौर से महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर अवैध गुटखा और सिगरेट की सप्लाई की जा रही है। इसके बाद जांच एजेंसियों ने उज्जैन में भी छापे मारे। 3 कंपनियों, 8 से ज्यादा कारखानों और 20 से ज्यादा गोदामों पर भी कार्रवाई को अंजाम दिया जा चुका है।
माटा की न्यायिक हिरासत 30 जून तक बढ़ी
टैक्स चोरी मामले में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आरोपी संजय माटा, विजय नायर अशोक डागा और अमित बोथरा की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इन सभी की न्यायिक हिरासत 30 जून तक के लिए बढ़ा दी। डीजीजीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंदन ऐरन ने तर्क रखे।