नीतीश सरकार राज्य के प्रत्येक हिस्से में विकास पहुंचाने के लिए लगातार नई-नई योजनाएं बना रहे हैं। अब ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नजरिए से राज्य सरकार ने लोगों को बेहतर जीवन देने के लिए और साथ ही बिहार के किसी भी कोने से मात्र 5 घंटे के भीतर पटना पहुंचने को पूरा करने की योजना बनाई है।
सीएम नीतीश कुमार के राज्य के किसी भी कोने से 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए विभाग ने अपनी कमर कस ली है। इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए 23 जिलों में विभाग ने 237 पुलों के निर्माण की योजना बनाई है। इन पुलों के निर्माण में करीब 590 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
इस योजना के बारे में बात करते हुए राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने बताया कि तैयार किये गए प्रोजेक्ट के सभी पुलों का एकीकृत टेंडर निकाला गया है। इन पुलों में सबसे अधिक 95 पुल का निर्माण अररिया जिले में और उसके बाद 49 पुल का निर्माण किशनगंज जिले में किया जाएगा। वहीँ औरंगाबाद में 8, बांका में 18, जमुई में 9, नालंदा में 5, पूर्वी चंपारण में 11 और सहरसा में 6,खगड़िया में 4, मुजप्फरपुर में 5 लखीसराय में 4, कैमूर में 3 पुलों का निर्माण कराया जाएगा। वहीँ सुपौल, सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्णिया और वैशाली में 2-2, और रोहतास, बेगूसराय, पटना, बक्सर, कैमूर, दरभंगा में एक-एक पुल का निर्माण कराया जाएगा।
नीतीश सरकार का ग्रामीण कार्य विभाग पीएमजीएसवाइ की 90 सड़कों का निर्माण कार्य देखेगा। जिन सड़कों को केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी में बनाया जाना था। बता दें कि राज्य के 20 जिलों में इन सड़कों की कुल लंबाई 493 किलोमीटर है। इसके निर्माण पर करीब 350 करोड़ से अधिक का खर्च आयेगा। पिछले 10 वर्षों में केंद्रीय एजेंसियों ने इन सड़कों के निर्माण कार्य के बारे में कुछ भी नहीं किया। जिस तरह से नीतीश कुमार राज्य के विकास के लिए योगदान दे रहे हैं उसी के चलते उन्हें विकास पुरुष के नाम से जाना जाता है।