
महाराष्ट्र के मलकापुर की एक मुस्लिम लड़की ‘सुमैया खान’ ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के महादेवगढ़ मंदिर में हिंदू धर्म अपनाया। उसने यहां एक खास पूजा की, जिसे प्रायश्चित हवन कहा जाता है और फिर हिंदू धर्म की ओर वापस लौट आई। अब उसने अपना नाम सुमैया से बदलकर पाखी रख लिया है। इसके बाद पाखी ने एक हिंदू लड़के ‘विकास’ से वैदिक रीतियों के अनुसार शादी की। यह शादी महादेवगढ़ मंदिर में हुई जो स्थानीय लोगों के लिए बहुत खास और महत्वपूर्ण घटना बन गई।
महिलाओं को हिंदू धर्म में सम्मान और अधिकार
सुमैया खान ने अपने शादी के बाद बताया कि सनातन हिंदू धर्म में महिलाओं को बहुत सम्मान मिलता है। यहां महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार मिलते हैं, जो उन्हें बहुत अच्छा लगता था। वह पिछले एक साल से विकास से संपर्क में थी और उनकी आपसी समझ और सम्मान के कारण उसने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया। पाखी ने यह भी कहा कि वह हमेशा से हिंदू धर्म से प्रभावित रही हैं और अब अपनी मर्जी से यह कदम उठाया है।
महादेवगढ़ मंदिर में हुआ ऐतिहासिक विवाह
महादेवगढ़ मंदिर समिति की सदस्य सृष्टि लोकेश दुबे ने इस शादी के बाद बताया कि यह तीसरी शादी थी, जो वैशाख महीने में महादेवगढ़ मंदिर में हुई। उन्होंने कहा कि सुमैया खान ने अपनी मर्जी से मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया और विकास से शादी की। यह एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक घटना थी, क्योंकि यह बदलाव की एक मिसाल है, जहां एक लड़की ने अपने धर्म और विश्वास के अनुसार अपनी जिंदगी की राह चुनी।
धर्म, विश्वास और प्रेम की नई परिभाषा
इस शादी ने न सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता की मिसाल दी, बल्कि यह भी दिखाया कि आस्था और विश्वास के मामले में व्यक्ति को अपनी मर्जी से फैसले लेने का पूरा हक है। महादेवगढ़ में हुई यह शादी धर्म, विश्वास और प्यार की एक नई परिभाषा बन गई है।
