मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट में रेलवे को शानदार तोहफा मिला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि आने वाले सालों में 3 नए रेलवे इकोनॉमिक कॉरिडोर बनेंगे. ये कॉरिडोर एनर्जी, मिनरल और सीमेंट के लिए होंगे. पीएम गतिशक्ति योजना के तहत प्रोजेक्ट की पहचान कर ली गई है. इनसे पैसेंजर ट्रेनों के ऑपरेशन में सुधार होगा और ट्रेन में यात्रा करना सुरक्षित होगा. 40 हजार सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत स्टैंडर्ड में कंवर्ट किया जाएगा.
पिछले साल रेलवे को मिला था इतना हिस्सा
पिछले साल के बजट में मोदी सरकार ने रेलवे पर सबसे ज्यादा फोकस किया था. साल 2023 के 45 लाख करोड़ रुपये के टोटल बजट में रेलवे के हिस्से में 2.4 लाख करोड़ रुपये आए थे. मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे को बजट में आवंटन लगातार बढ़ता गया है.
इस तरह से बढ़ता गया है रेलवे का बजट
5 साल पहले यानी 2019 के बजट में रेलवे को 69,967 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. उसके बाद साल 2020 में रेलवे को 70,250 करोड़ रुपये दिए गए थे. उसके एक साल बाद यानी 2021 में पहली बार रेलवे का बजट 1 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था. वहीं 2023 में यानी पिछले साल रेलवे का बजट आवंटन पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था.
2017 से आम बजट का बना हिस्सा
मोदी सरकार से पहले रेलवे के लिए अलग से बजट पेश किया जाता था. साल 2017 से यह परंपरा बदल गई. उस साल तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जो आम बजट पेश किया था, रेलवे का बजट उसी का हिस्सा था. उससे पहले तक रेल मंत्री के द्वारा अलग से रेल बजट पेश किया जाता रहा था. अब बीते 7 सालों से रेलवे का बजट आम बजट के हिस्से के रूप में ही आ रहा है.