भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन के व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी-डी1) का पहला परीक्षण करने जा रहा है। गगनयान मिशन के लिए टेस्ट उड़ान टीवी-डी1 को सुबह आठ बजे लॉन्च किया जाना था। हालांकि, अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए, इसका लॉन्च टाइम 30 मिनट आगे बढ़ा दिया गया। इसरो ने मानव सहित गगनयान मिशन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए क्रू मॉड्यूल को सही-सलामत उतारने की तैयारी पूरी कर ली है।
रोकी गई गगनयान की परीक्षण उड़ान
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट को इसरो की तरफ से रोका गया है। लॉन्चिंग से ठीक पहले अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने इसकी लॉन्चिंग रोकने का फैसला किया। बताया गया है कि खराब मौसम की वजह से परीक्षण को टाला गया है।
छह परीक्षणों की शृंखला में पहला परीक्षण
2025 में जब भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्री धरती से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में तीन दिन बिताने जाएंगे, तब किसी भी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को नहीं खोना पड़े, इसके लिए कुल छह परीक्षण की शृंखला में यह पहला परीक्षण है। इसरो के इस परीक्षण से क्रू इस्केप सिस्टम (सीईएस) की क्षमता और दक्षता के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। इसके अलावा किसी आपात परिस्थिति में अभियान को बीच में ही रद्द किए जाने पर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बचाने की रणनीति को फेल-सेफ बनाने में मदद मिलेगी।
अगले साल भेजा जा सकता है गगनयान
गगनयान भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है, इसे अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा।
इसरो के लिए क्यों अहम है यह परीक्षण?
यह परीक्षण गगनयान अभियान के अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। परीक्षण के जरिये ऐसी काल्पनिक स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी की प्रणाली को परखा जाएगा, जिसमें किसी वजह से अभियान को बीच में ही रद्द करना पड़ जाए।