उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से अजीबोगरीब गुहार लगाई है. मुख्तार अंसारी ने जज से मांग की है कि उसे खाने पीने का सामान, फल और कुरकुरे चाहिए. दरअसल, मुख्तार जेल की रोटियों से परेशान हो गया है. उसे जब एमपी-एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया तो उसने विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव से ये मांग कर डाली. मुख्तार की इस मांग को सुनकर जज को भी हंसी आ गई.
मुख्तार ने कोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा कि मी-लार्ड आपकी कस्टडी में बांदा जेल में बंद हूं. मेरे वकील के जरिए खाने पीने, फल व बिस्किट जरूर भिजवाने का आदेश कर दीजिए. बता दें कि इससे पहले भी मुख्तार अंसारी जेल में केले व लखनऊ के आम की डिमांड कर चुका है, जो उसे कोर्ट के आदेश पर मिल चुका है. बता दें कि बांदा जेल में बंद मुख्तार के खिलाफ 62 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि उसकी 575 करोड़ रुपये की संपत्ति और अपराध के माध्यम से अर्जित संपत्ति को जब्त किया गया है.
इस मामले में हुआ पेश
मुख्तार अंसारी को गुरुवार को फर्जी एंबुलेंस मामले में कोर्ट में पेश किया गया. बांदा जेल से वर्चुअल सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने विशेष सत्र न्यायधीश कमलकांत श्रीवास्तव को सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सुमन और अधिवक्ता जावेद ने कोर्ट में बहस की. मामले में फैसला सुरक्षित करते हुए जज ने अगली सुनवाई 5 जून को होनी तय की है.
सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सुमन ने जज कमलकांत श्रीवास्तव को बहस के दौरान कहा कि मुख्तार अंसारी पर दर्ज मुकदमे फर्जी हैं, क्योंकि मुख्तार अंसारी 15 वर्षों से जेल में बंद हैं. साल 2013 में एंबुलेंस खरीदी गई थी. मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिन बाद मुख्तार अंसारी को नामजद किया जाता है और फिर गैंगस्टर की धराएं बढ़ाई जाती हैं जो कि गलत है. वकील ने बताया मुख्तार अंसारी पर झूठे आरोपों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.