भारतीय मुक्केबाज टीम के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा का मानना है कि मुक्केबाज सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और वह चाहते हैं कि मुक्केबाज एशियाई क्वालीफायर से कम से कम पांच ओलंपिक कोटे हासिल करें। भारतीय मुक्केबाजों ने हाल में विश्व चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें अमित पंघाल (52 किग्रा) ने रजत और मनीष कौशिक (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता है। इससे पहले भारत ने कभी भी एक चरण में एक कांस्य से ज्यादा पदक हासिल नहीं किया था। निएवा ने कहा, ‘‘हम जिस टूर्नामेंट में जाते हैं, उसमें हमेशा परिणामों की तुलना करते हैं कि अगर ये ओलंपिक होते तो क्या होता। क्या हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं? अभी तक हमने दिखा दिया कि हम हर प्रतियोगिता में अच्छा कर रहे हैं। ’’उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में कोई गांरटी नहीं है लेकिन हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और हमें पूरा भरोसा है कि हम ओलंपिक में कुछ बड़ा करेंगे। ’’ भारतीय मुक्केबाज अब तीन से 14 फरवरी को चीन के वुहान में होने वाले एशियाई ओसनिया क्वालीफायर को ध्यान में रखकर अभ्यास करेंगे। क्वालीफायर में आठ पुरूष वजन वर्गों — फ्लाइवेट 52 किग्रा, फेदरवेट 57 किग्रा, लाइटवेट 63 किग्रा, वेल्टरवेट 69 किग्रा, मिडिलवेट 75 किग्रा, लाइट हेवीवेट 81 किग्रा, हेवीवेट 91 किग्रा और सुपर हेवीवेट 91 किग्रा से अधिक में ओलंपिक कोटे दांव पर लगे होंगे। निएवा ने कहा, ‘‘क्वालीफायर काफी मुश्किल होंगे। हम चाहते हैं सभी आठ मुक्केबाज क्वालीफाई कर लें, लेकिन वास्तविकता की बात करें तो पांच से छह मुक्केबाजों को ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना चाहिए। ’’ निएवा ने कहा, ‘‘निचले वजन वर्गों में विश्व चैम्पियनशिप और ओलपिंक पदकधारी मुक्केबाज होंगे इसलिये हम आराम से नहीं बैठ सकते। हमें तय करना होगा कि हम उन्हें काफी अंतर से हरायें ताकि जजों के दिमाग में कोई संशय नहीं रहे, हमारी चुनौती यही है।’’ भारतीय मुक्केबाजों के आगामी महीनों के कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘अभी हमारे दो टूर्नामेंट हैं, पहला अक्टूबर में विश्व सैन्य खेल और फिर दिसंबर में इंडियन मुक्केबाजी लीग।’’
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