नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव नजदीक आ रहा है। हालांकि, अभी तक पार्टी के शीर्ष पद के लिए नाम को लेकर चर्चाओं का दौर थमा नहीं है। खबर है कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी फिर से कमान संभालने के मूड में नहीं हैं। वहीं, मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर सवाल बरकरार है कि पार्टी का नया अध्यक्ष गांधी परिवार से ही होगा या नहीं। शीर्ष पद स्वीकार करने के लिए राहुल को मनाने के लिए की जा रही कोशिशें असर नहीं दिखा रही हैं। वह अपने पार्टी सदस्यों की अपीलों को खारिज कर रहे हैं। वहीं, खबर है कि सोनिया गांधी ने भी स्वास्थ्य के चलते पार्टी अध्यक्ष पद पर लौटने की संभावनाओं से इनकार कर दिया है। इसके अलावा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम भी दौड़ में माना जा रहा था। दरअसल, सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के कई नेता गांधी को ही अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद समीकरण बदल सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भक्त चरण दास ने बताया, ‘हां, उन्होंने (राहुल गांधी) ने कहा है कि उन्हें दिलचस्पी नहीं हैं, लेकिन हम इसपर काम कर रहे हैं और उनसे पद संभालने का अनुरोध कर रहे हैं। नहीं तो उन्हें हमें बताना होगा कि यह पद कैसे भरा जाएगा।’ इधर, राहुल सितंबर में कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ों यात्रा’ निकालने की तैयारी में हैं। खास बात है कि चुनावों में लगातार हो रही हार और बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ रही हैं। वहीं, गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी नेतृत्व पर सवाल कर चुके हैं। अब अगर गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष पद नहीं संभालता है, तो यह पहली बार होगा जब साल 1998 के बाद कोई गैर-गांधी अध्यक्ष बनेगा। खबरें हैं कि चीफ के तौर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई वरिष्ठ नेताओं का नाम चर्चा में है।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…