भोपाल। दुनिया में कोरोना का खौफ अभी खत्म भी नहीं हुआ, कि मंकीपॉक्स नाम के वायरस ने डराना शुरू कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक ट्वीट कर लोगों को चेतावनी दी है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि केवल 10 दिनों के भीतर 12 देशों में 92 मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है. आगे भी मामले तेजी से बढ़ेंगे, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वायरस कई देशों में कुछ जानवरों में मौजूद हैं, जिसका स्थानीय लोगों और यात्रियों में कभी-कभार ही प्रकोप होता है. हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर मंकीपॉक्स फैलने के संबंध में गंभीरता से काम कर रहे हैं.
12 देशों में पहुंचा वायरस: अभी तक मंकीपॉक्स वायरस ने दुनिया के 12 देशों- ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, स्वीडन और इटली तक ये वायरस अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुका है. इस वायरस से किसी भी देश में कोई मौत नहीं हुई है. इन 12 देशों में अभी भी लगभग 28 मामले संदिग्ध तौर पर मंकीपॉक्स के हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि अभी इन मामलों की पुष्टि के लिए जांच जारी है.
मंकीपॉक्स वायरस को लेकर मध्यप्रदेश में अलर्ट
मंकीपॉक्स के कारण: मंकीपॉक्स नामक वायरस के कारण यह संक्रमण होता है, यह वायरस ऑर्थो पॉक्स वायरस समूह से संबंधित है. इस समूह के अन्य सदस्य मनुष्यों में चेचक और काउपॉक्स जैसे संक्रमण का कारण बनते हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स के एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले बहुत ही कम हैं. संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों या संक्रमित के निकट संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों में भी संक्रमण होने की आशंका रहती है.
मंकीपॉक्स का इलाज: चेचक उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान उपयोग किए जाने वाले टीकों ने मंकीपॉक्स से भी सुरक्षा प्रदान की. नए टीके विकसित किए गए हैं, जिनमें से एक को रोग की रोकथाम के लिए अनुमोदित किया गया है. एक एंटीवायरल एजेंट को भी मंकीपॉक्स के इलाज के लिए लाइसेंस दिया गया है.
मध्य प्रदेश में अलर्ट: मध्यप्रदेश में कोरोना के चलते पहले से ही अलर्ट जारी है. हालांकि मंकीपॉक्स को लेकर अभी स्वास्थ्य विभाग ने कोई नए दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं, लेकिन सतर्कता के चलते सभी जिला अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है.