नई दिल्ली: भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सार्वभौमिक टीका विकसित करने का दावा किया है. यह टीका कोरोना वायरस के सभी स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी हो सकता है. वायरस के नए स्वरूपों के कारण बढ़ते संक्रमण के मामलों के कारण हाल के दिनों में चिंता बढ़ गई थी.
इस बीच पश्चिम बंगाल में आसनसोल के काजी नजरुल विश्वविद्यालय और भुवनेश्वर स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) के वैज्ञानिकों एक टीका विकसित किया है. जिसे लेकर उनका दावा है कि यह टीका भविष्य के किसी भी कोरोना वायरस के स्वरूप के खिलाफ प्रभावी रहेगा.
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह टीका कोरोना वायरस समेत वायरल के लिए जिम्मेदार वायरस के सभी छह समूहों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सहायक रहेगा. क्योंकि अध्ययन के दौरान विशेष तरीकों का उपयोग किया गया है.
काजी नजरुल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं अभिज्ञान चौधरी और सुप्रभात मुखर्जी के साथ ही आईआईएसईआर के पार्थ सारथी सेन गुप्ता, सरोज कुमार पांडा और मलय कुमार राणा ने कहा कि विकसित किया गया टीका बेहद स्थिर और रोग प्रतिरक्षाजनक पाया गया है. चौधरी ने कहा कि शोधकर्ताओं के दल ने संगणक सिद्धांतों का उपयोग करके टीका विकसित किया है. उन्होंने कहा कि टीके के परीक्षण के बाद अगले चरण में इसके उत्पादन की तरफ कदम बढ़ाया जाएगा.