उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद आज सुबह सुबह पांच बजे खोल दिए गए हैं। यहां पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई।पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोविड-19 के कारण कपाटोद्घाटन के दौरान श्रद्धालु उपस्थित नहीं रहे।
फूलों से सजाया गया मंदिर
तीर्थ पुरोहितों समेत सीमित लोगों की मौजूदगी में ही विधि विधान के साथ कपाट खोलने का समारोह हुआ । समारोह के लिए मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बाबा केदार के धाम के पट खुलने पर श्रद्धालुओं को शुभकामनांए देते हुए उनसे अपील की कि वे अपने घरों में रहकर ही पूजा अर्चना करें ।
बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे कल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जनकल्याण के लिए की जा रही हैं । आगामी मंगलवार 18 मई को चमोली में स्थित भगवान बदरीनाथ के कपाट सुबह सवा चार बजे ब्रहममुहूर्त में खुल जाएंगे । कोविड के कारण यहां भी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं होगी ।
14 मई को यमुनोत्री के खुले थे कपाट
कोविड के संबंध में उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खोले जाने के दौरान वहां तीर्थ पुरोहितों, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत सीमित संख्या में ही लोग उपस्थित रहेंगे । इससे पहले, शुक्रवार 14 मई को यमुनोत्री के कपाट और शनिवार 15 मई को गंगोत्री के कपाट खोले जाने के दौरान भी यही व्यवस्था लागू की गई थी ।
शीतकालीन अवकाश के बाद खुलते हैं कपाट
उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में चारधामों के नाम से मशहूर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट हर साल छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद अप्रैल-मई में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं । गढ़वाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा पर भी कोविड का साया पड़ा है। पिछले साल नियत समय से देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा को इस बार भी कोविड मामलों में उछाल आने के चलते फिलहाल स्थगित कर दिया गया है ।
इस बार भी श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे दर्शन
चारधाम यात्रा को स्थगित करने की घोषणा करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 29 अप्रैल को कहा था कि महामारी की वर्तमान स्थिति के बीच यात्रा का संचालन संभव नहीं है । उन्होंने कहा था कि धामों के कपाट अपने नियत समय पर ही खुलेंगे लेकिन वहां केवल तीर्थ पुरोहित ही नियमित पूजा करेंगे । देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी कोविड मामलों में जबरदस्त वृद्धि हुई है । पिछले कई दिनों से उत्तराखंड में कोरोना वायरस के रोजाना 5,000 से 9,000 मामले आ रहे हैं ।