रमजान का 27वां रोजा सोमवार को पूरा हो चुका है। अब सभी को ईद के चांद का इंतजार है। बुधवार या गुरुवार को चांद दिखने पर ईद-उल-फित्र या ईद का त्योहार मनाया जाएगा, यह चांद के दीदार होने पर निर्भर करता है। सउदी अरब के मुसलमान 12 मई को चांद का दीदार करने की कोशिश करेंगे। बुधवार रात को यदि चांद दिख जाता है तो अरब देशों में 13 मई को ईद मनाई जाएगी और यदि चांद नहीं दिखता तो 14 मई को ईद का पर्व मनाया जाएगा। भारतीय मुसलमान भी सउदी अरब में चांद दिखने के अगले दिन ईद मनाते हैं। गुरुवार या शुक्रवार को चांद दिखने पर ईद का त्योहार मनाया जाएगा।
इस बार मंगलवार को चांद नहीं दिखा। ऐसे में बुधवार को चांद का दीदार करने के बाद गुरुवार 13 मई को ईद-उल-फित्र यानी रमजान महीने का आखिरी दिन मनाया जाए। ईद के त्योहार के दिन लोग ईद की नमाज अदा करने के साथ ही एक-दूसरे को ईदी बांटते हैं, सेवइयां खिलाते हैं, गले मिलते हैं। इसके अलावा लोग अपनों को ईद की मुबारकबाद भी देते हैं। इस मौके पर जकात करने का भी बहुत महत्व है। जकात को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना गया है। हर साल ईद का पर्व 10-11 दिन पहले पड़ता है, जो कि ईद के चांद पर निर्भर होता है।
दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला ईद-अल-फितर (Eid-ul-Fitr) का महान त्योहार आने को है। ईद-उल-फितर को मीठी ईद (Meethi Eid) के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के पवित्र महीने अंत और 1442 हिजरी के 10वें महीने की शुरुआत होगी। ईद-उल-फितर का अर्थ उपवास समाप्त करने का त्यौहार होता है। विश्वभर के मुसलमान ईद के त्योहार को चिह्नित करने के लिए शव्वाल (Shawwal) के पहले दिन सुबह विशेष प्रार्थना करते हैं। मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार रमजान का महीना चंद्र कैलेंडर का सबसे पवित्र माह होता है। जिसके दौरान पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) की पवित्र पुस्तक कुरान (Quran) का खुलासा हुआ था। इसलिए ईद रमजान के समय प्रार्थना और उपवास करने वालों के लिए अल्लाह की ओर से एक इनाम है।
ईद-अल-फितर कब है भारत में?
परंपराओं के अनुसार ईद-उल फितर शव्वाल के पहले दिन होती है। रमजान इस साल 13 अप्रैल से शुरू हुआ। इस लिए ईद 13 मई को होगी। अगर रमजान महीने 29 दिनों में खत्म होता है। या फिर 14 मई को अगर रमजान माह 30 दिनों में समाप्त होता है। हालांकि रमजान महीने का अंत और ईद-उल-फितर की सही तारीख चांद के देखे जाने पर निर्भर करती है। भारत सहित अधिकांश देशों में मौलवियों की एक उच्चस्तरीय समिति है जो मीठी ईद का दिन तय करती है। भारत में क्रीसेंट चंद्रमा का दर्शन रूयत-ए-हिलाल समिति द्वारा घोषित किया जाता है।
तारीख और समय पर निर्भर ईद
ईद मनाने का समय और तारीख देश से लेकर देश तक पर निर्भर करती है। कई देश ईद को उसी तारीख को मनाते हैं जिस दिन सऊदी अरब में मनाया जाता है। भारत में ईद-उल-फितर सऊदी अरब में अर्धचंद्र चंद्रमा के दूसरे दिन मनाया जाता है। जिसका अर्थ है कि भारत में ईद संयुक्त अरब अमीरात में मनाए जाने के एक दिन बाद मनाई जाती है।