नई दिल्ली |
देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने मंगलवार को रेमडेसिविर, इसके कच्चे माल तथा वायरल रोधी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है। इस कदम से रेमडिसिविर इंजेक्शन की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और लागत घटाने में मदद मिलेगी। रेमडिसिविर का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में होता है।
राजस्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने जन हित में इन उत्पादों पर सीमा शुल्क समाप्त करने का फैसला किया है। जिन उत्पादों पर अब आयात शुल्क नहीं लगेगा उनमें रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडिएंट्स (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और रेमडेसिविर के विनिर्माण में काम आने वाली बीटा साइक्लोडेक्ट्रिन शामिल है। आयात शुल्क की यह छूट इस साल 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोविड-19 के मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल की प्राथमिकता के मद्देनजर रेमडेसिविर एपीआई, इंजेक्शन और अन्य सामग्री को आयात शुल्क मुक्त किया गया है। इससे आपूर्ति बढ़ेगी और लागत घटेगी, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी।” इससे पहले 11 अप्रैल को रेमडेसिविर की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र ने इसके इंजेक्शन और एपीआई के निर्यात को स्थिति में सुधार आने तक प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद विभिन्न दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर के दाम घटाए हैं।
कैडिला हेल्थकेयर ने रेमडैक (रेमडेसिविर 100 एमजी) इंजेक्शन का दाम 2,800 से रुपये से घटाकर 899 रुपये कर दिया है। इसी तरह सिंजीन इंटरनेशनल ने अपने ब्रांड रेमविन का दाम 3,950 रुपये से घटाकर 2,450 रुपये कर दिया है। हैदराबद की डॉ रेड्डीज लैब ने रेडवाईएक्स का दाम 5,400 से घटाकर 2,700 रुपये कर दिया है। इसी तरह सिप्ला ने अपने सिपरेमी ब्रांड का दाम 4,000 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये और मेलान ने अपने ब्रांड का दाम 4,800 से घटाकर 3,400 रुपये कर दिया है। जुबिलेंट जेनेरिक्स ने अपने रेमडेसिविर का ब्रांड का दाम 4,700 से घटाकर 3,400 रुपये किया है।