नई दिल्ली । निजीकरण से पहले भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) देने की पेशकश की है। देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी एवं दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम विपणन कंपनी ने कर्मचारियों को भेजे नोटिस में कहा, यह योजना उनके लिए है, जो विभिन्न व्यक्तिगत कारणों से और निजी प्रबंधन के तहत कंपनी में काम नहीं करना चाहते हैं। 23 जुलाई को खुली योजना 13 अगस्त, 2020 को बंद हो जाएगी।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कुछ कर्मचारियों को लगता है कि बीपीसीएल के निजीकरण के बाद उनकी भूमिका, स्थिति या स्थान में बदलाव हो सकता है। यह योजना उन्हें बाहर निकलने का विकल्प देती है। नोटिस के अनुसार, 45 साल की आयु पूरी कर चुके पांच से 10 फीसदी कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुन सकते हैं। सरकार 20,000 कर्मचारियों वाली बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।
नोटिस के मुताबिक, वीआरएस चुनने वाले कर्मचारियों को हर सेवा वर्ष के लिए दो महीने का वेतन या वीआरएस के समय तक का मासिक वेतन मिलेगा। सेवा के बचे महीनों को इसमें गुणा किया जाएगा। उन्हें सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाला कंपनी छोड़ने का खर्च, चिकित्सा लाभ योजना के तहत चिकित्सा लाभ, सीएल, ईएल और पीएल के बदले नकदी भुगतान भी मिलेगा। हालांकि, जिस कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है, उसे लाभ नहीं मिलेगा।
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