आरक्षण नीति को केवल 10 वर्ष के लिए लागू करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा अपने हित के लिए इसे हर 10 वर्ष में बढ़ाते हुए पिछले 70 वर्षों से लागू किया जा रहा है। इसी को लेकर आज प्रेस वार्ता रखी गई।
पत्रकार वार्ता में बताया कि संसद के वर्तमान सत्र में केंद्रीय सरकार द्वारा आरक्षण अवधि संविधान संशोधन बिल लाया जा रहा है, जिसमें आने वाले 10 वर्ष के लिए यह लागू किया जाएगा। सपाक्स का कहना है कि आरक्षित वर्ग को 70 साल से आरक्षण दिए जाने के बाद भी उनका समुचित विकास और उत्थान क्यों नहीं हुआ। इस असफलता के मूल कारण को ढूंढ कर संशोधन करने की जरूरत है। अगर आरक्षण के नियमों को नहीं बदला गया तो हम संसद के सभी सदस्यों के घर का घेराव भी करेंगे।