मध्य प्रदेश की मोहन यादव की सरकार ने बुधवार को 3 लाख 65 हज़ार 67 करोड़ रुपये का अपना पहला पूर्ण बजट विधानसभा में पेश किया. इस वर्ष बजट में पिछले वर्ष के मुकाबले 16% का इजाफा किया गया है. इस बजट में सरकार ने समाज के सभी वर्गों और सेक्टरों का विशेष ध्यान रखा है. सरकार ने जनजाति विकास के लिए 40800 करोड़ का इंतजाम इस बजट में किया है.
बजट में मध्य प्रदेश सरकार की चर्चित ‘लाडली बहना योजना’ के लिए 18,984 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 15,509 करोड़ रुपये और मध्य विद्यालयों के लिए 9,258 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. कृषि क्षेत्र का आवंटन पिछले वित्त वर्ष के 22,732 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,126 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
जवान और रोजगार पर रहा फोकस
सरकार ने बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य विभाग में 46 हजार और पुलिस विभाग में 7500 भर्तियां निकालने का भी प्रावधान किए हैं. इसके अलावा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में 22 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है. इसके अलावा सरकार ने राज्य के महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में 552 ई-बसें चलाने का भी ऐलान किया है.
शिक्षा और शिक्षण संस्थानों का होगा कायाकल्प
बजट पेश करते हुए सरकार ने जहां शिक्षा पर 11 प्रतिशत बजट खर्च करने का ऐलान किया है. वहीं प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कई नए संस्थान खोलने का भी ऐलान किया. सरकार ने बजट में बताया कि मंदसौर, नीमच व सिवनी जिले में 3 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. इसके अलावा, बालाघाट, सागर, शहडोल, नर्मदापुरम और मुरैना में आयुर्वेद अस्पताल खोले जाएंगे. वहीं, राज्य में 22 ITI कॉलेज खोले जाएंगे, जिससे 5 हजार 280 सीटें बढ़ेंगी. साथ ही मुख्यमंत्री के गृह जिले उज्जैन में चना, तो ग्वालियर में सरसों अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जाएगी.