महाबलीपुरम में PM मोदी-जिनपिंग की मुलाकात: जानें चीन को क्यों चाहिए भारत का साथ?

देश

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच महाबलीपुरम (Mahabalipuram) में महामुलाकात हुई. इस महामिलन के दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच रक्षा, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई. दुनिया के दो दिग्गज देशों देशों के बीच नई शुरुआत हुई है. जानें चीन को भारत का साथ क्यों चाहिए. 

विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत नई ग्लोबल शक्ति बनकर उभरा है. भारत के अमेरिका, रूस समेत सभी देशों से अच्छे संबंध, दोस्ती फायदेमंद होगी. चीन और अन्य देशों के बीच विवाद की स्थिति में भारत मध्यस्थ बन सकता है. अमेरिका से ट्रेड वॉर होने के बाद भारत से दोस्ती चीन की ज़रूरत है. भारत एक बड़ा बाज़ार है, चीन का 7वां सबसे बड़ा निर्यात भारत में होता है. तिब्बत से जारी सीमा विवाद में भारत अहम भूमिका निभा सकता है. साउथ चाइना सी में अमेरिका से चीन का गतिरोध भारत रोक सकता है.

भारत को चीन का साथ क्यों चाहिए? 
– UNSC में चीन स्थायी सदस्य, NSG की सदस्यता के लिए चीन का साथ ज़रूरी है. UN में पाकिस्तान के एजेंडे को खत्म करने में  चीन मददगार हो सकता है. चीन, भारत का सबसे शक्तिशाली पड़ोसी है, सैन्य क्षमता बेहद मज़बूत है.  चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. चीन, भारत में भी निवेश करता है. व्यापारिक संबंध अहम हैं. भारत सालाना 5 लाख करोड़ के सामान का आयात करता है.  

भारत-चीन के व्यापार से जुड़े अहम तथ्य
– चीन में बनी वस्तुओं का 7वां सबसे बड़ा बाज़ार है भारत
– भारत में निर्मित वस्तुओं का 27वां बड़ा बाज़ार है चीन
– भारत चीन को कपास, तांबा, हीरे, कीमती पत्थर निर्यात करता है.
– चीन से भारत मशीनरी, मोबाइल, बिजली उपकरण, उर्वरक का आयात करता है.
– दिसंबर 2017 तक भारत में चीन का निवेश 4.747 बिलियन डॉलर है.
– चीन में सितंबर 2017 तक भारत का निवेश 851.91 मिलियन डॉलर है.
– चीन के बाज़ार में कई भारतीय कंपनियां व्यापार कर रही हैं.
– भारत में 100 से ज़्यादा चीन की बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *